भारत में जहाँ महिलाएँ अवांछित गर्भ से बचने और ज्यादा बच्चों से बचने के लिए गर्भ निरोधकों का इस्तेमाल कर रही हैं, वहीं देश के पुरुषों के लिए अब भी इसकी कोई खास अहमियत नहीं है। पुरुष वर्ग सोचता है कि परिवार नियोजन महिलाओं की ही जिम्मेदारी है।
'नेशनल हेल्थ एंड फेमिली सर्वे पार्ट तीन' में यह बात सामने आई है कि पुरुष परिवार नियोजन के बारे में कोई चिंता नहीं करना चाहते क्योंकि वे मानते हैं कि यह सिर्फ महिलाओं के ही सोचने की चीज है।
सर्वेक्षण के अनुसार 22 प्रतिशत पुरुषों का मानना है कि अनचाहे गर्भ से बचने की जिम्मेदारी महिलाओं की है, इसलिए पुरुषों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। पुरुषों की लगभग आधी संख्या का कहना है कि बच्चे को दुग्धपान कराने वाली महिलाओं को गर्भवती नहीं होना चाहिए।
इतना ही नहीं, 16 प्रतिशत पुरुष यह भी मानते हैं कि गर्भ निरोधकों का इस्तेमाल करने वाली महिलाएँ स्वच्छंद हो जाती हैं। सर्वेक्षण के अनुसार महिला बंध्याकरण गर्भ निरोधक का सबसे जाना पहचाना रूप है। 15 से लेकर 49 साल की उम्र के अधिकतर स्त्री पुरुषों ने महिला बंध्याकरण के बारे में सुना है। इस बारे में जानने वाली महिलाओं की संख्या जहाँ 97 प्रतिशत है वहीं 95 फीसदी पुरुषों ने भी इस बारे में सुना है।
दूसरे गर्भ निरोधकों के बारे में लोग कम जानते हैं। केवल 61 प्रतिशत महिलाएँ और 49 फीसदी पुरुष ही सरकारी प्रचार के तहत आने वाले परिवार नियोजन के गोली लेने आईयूडी और कंडोम इस्तेमाल जैसे तौर तरीकों के बारे में जानते हैं।
शहरी क्षेत्रों की 74 फीसदी महिलाएँ इन तीनों तरीकों के बारे में जानती हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों की 54 फीसदी महिलाओं को इस बारे में पता है। 29 राज्यों में से 26 में महिला बंध्याकरण के बारे में लोगों को अच्छी तरह से पता है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि शहरी महिलाएँ प्रजनन की आदर्श दर के लक्ष्य को पहले ही प्राप्त कर चुकी हैं। शहरों में प्रति महिला के हिसाब से आदर्श प्रजनन दर 2.1 है जबकि गांवों में यह दर अभी भी तीन पर टिकी है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि यदि भारत की सभी महिलाएँ उतने ही बच्चे पैदा कर पाएँ, जितने कि वे चाहती हैं तो प्रजनन की आदर्श दर प्राप्त की जा सकती है।
10 राज्य प्रजनन की आदर्श दर तक पहुँच चुके हैं या उससे भी नीचे आ गए हैं जबकि अन्य राज्य लक्ष्य को हासिल करने के करीब हैं। आठ राज्यों खासकर बिहार उत्तरप्रदेश मेघालय और नगालैंड जैसे राज्यों में कुल प्रजनन दर काफी अधिक है।
नव विवाहित महिलाओं में गर्भ निरोधक इस्तेमाल करने की दर प्रत्येक राज्य में भिन्न है। मेघालय में जहाँ यह दर 24 प्रतिशत है, वहीं हिमाचल प्रदेश में यह आँकड़ा 73 फीसदी है।