बीपीओ कर्मचारी प्रतिभा श्रीकांतमूर्ति के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में पाँच साल लंबे मुकदमे के बाद एक अदालत ने आरोपी टैक्सी चालक शिव कुमार को मौत तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
इस मामले ने देश भर में आईटी सेक्टर में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए थे।
11वीं फास्ट ट्रैक अदालत के न्यायाधीश बी वी गुड्डली ने आरोपी को मौत तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
उन्होंने धारा 366 के तहत अपहरण के आरोप में आरोपी को 10 साल के सश्रम कारावास और उस पर 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया। ऐसा न कर पाने पर उसे एक साल और सश्रम कारावास की सजा काटनी होगी।
चालक को धारा 376 के तहत दुष्कर्म के आरोप में भी 10 साल सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी। इस आरोप में उस पर 20,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है, यह जुर्माना न भुगतने की स्थिति में उसे दो साल और सश्रम कारावास भोगना होगा।
प्रतिभा की माँ गोवरम्मा ने आरोपी वाहन चालक के लिए मौत की सजा की माँग की थी। सजा सुनने के बाद उन्होंने कहा ‘मैं संतुष्ट हूँ।’ हालाँकि उन्होंने कहा कि उनकी खुशी उनकी बेटी की हत्या के साथ ही चली गई थी। प्रतिभा विधवा महिला गोवरम्मा की इकलौती बेटी थी। (भाषा)