प्रधानमंत्री ने किया और सुधारों का वादा
नई दिल्ली , मंगलवार, 30 जुलाई 2013 (01:16 IST)
नई दिल्ली। आर्थिक स्थिति में बदलाव के कोई साफ संकेत नहीं होने के बीच प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने उद्योग जगत के साथ बैठक में आने वाले महीनों में और सुधारों का वादा किया। बैठक में उद्योग जगत ने ठोस निर्णय तथा त्वरित क्रियान्वयन पर जोर दिया।व्यापार और उद्योग परिषद की बैठक में सिंह ने उद्योगपतियों को सरकार की सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता को लेकर आश्वस्त किया और आने वाले दिनों में और सुधारों का वादा किया। बैठक में उन्होंने निवेश धारणों को मजबूती प्रदान करने के लिए उद्योग जगत की शिकायतों तथा सुझावों को ध्यान से सुना।बैठक के एजेंडे में चालू खाते के घाटे को दुरुस्त करने, औद्योगिक नरमी तथा उसे पटरी पर लाने, रुपए की विनिमय दर में गिरावट तथा व्यापार और उद्योग पर उसका प्रभाव, कौशल विकास तथा औद्योगिक गलियारों का विकास पर जोर था।प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार कुल मिलाकर धारणा यह बनी कि तेजी के माहौल को वापस लाया जाए, निर्णय को क्रियान्वयन में बदला जाए तथा देश को 8 प्रतिशत या उससे अधिक वृद्धि दर के रास्ते पर वापस लाया जाए।करीब तीन घंटे चली बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है, प्रधानमंत्री ने अगले दो-तीन महीने में क्या किया जा सकता है? इस बारे में एक महीने के भीतर रिपोर्ट चाही। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर उद्योग जगत को विश्वास है। इसी प्रकार की धारणा भारती समूह के प्रमुख सुनीत भारतीय मित्तल ने जताई जो चाहते हैं कि सरकार साहसिक तथा ठोस निर्णय करे।बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत के प्रमुखों से अर्थव्यवस्था तथा निराशावादी माहौल को दूर करने के बारे में सुझाव देने का न्योता दिया वित्तमंत्री पी चिदंबरम तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने एजेंडे पर सरकार के विचारों के बारे में परिषद को जानकारी दी।फिक्की की अध्यक्ष तथा एचएसबीसी इंडिया की प्रमुख नैना लाल किदवई ने कहा कि उद्योग जगत निर्णयों का तेजी से क्रियान्वयन चाहता है। उद्योगपति राहुल बजाज ने कहा कि अर्थव्यवस्था में निराशा के माहौल का कारण नियामकीय बाधाएं हैं। उन्होंने इसे जल्द-से-जल्द दूर करने की मांग की।बैठक में आईसीआईसीआई की मुख्य कार्यपालक अधिकारी चंदा कोचर, एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख, इंफोसिस के संरक्षक तथा संस्थापक चेयरमैन नारायणमूर्ति, विप्रो के प्रमुख अजीम प्रेमजी समेत उद्योग जगत के अन्य दिग्गज शामिल थे। (भाषा)