Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

भारत के भाल पर चमकेगा 'चाँद'

हमें फॉलो करें भारत के भाल पर चमकेगा 'चाँद'
-वेबदुनिया डेस्क
भारत ने पहली बार चाँद की जमीनी हकीकत जानने के लिए अपना मून मिशन चंद्रयान-1 आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के सतीश धवन स्पेस सेंटर से रवाना कर दिया।

PR
चंद्रयान-1 मानवरहित यान है। इस लॉन्चिंग के साथ ही भारत दुनिया का ऐसा छठा देश बन गया, जिसने चाँद पर अपना कोई यान भेजा है।

चंद्रयान के साथ भारतीय तिरंगा भी भेजा गया है। इसके साथ भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन गया है, जिसने चाँद पर अपना नैशनल फ्लैग भेजा है। गौरतलब है कि तिरंगा वहाँ फहराया नहीं जा सकेगा क्योंकि चाँद पर वायुमंडल नहीं है। इससे पहले अमेरिका, रूस और जापान ने अपने झंडे चाँद पर भेजे जा चुके हैं।

चंद्रयान को पीएसएलवी-सी 11 लॉन्च व्हीकल (रॉकेट) से भेजा गया है। चाँद की जमीन पर चंद्रयान को पहुँचने में 15 दिनों का समय लगेगा।

चाँद की 4 लाख 80 हजार किलोमीटर की दूरी तय करने में चंद्रयान को इतना वक्त लगेगा। चंद्रयान-1 चाँद पर गैसों का पता लगाएगा। इसके साथ ही वह वहाँ पानी की संभावनाओं का पता लगाएगा।

चंद्रयान-1 का मिशन दो साल तक चलेगा। चंद्रयान-1 का वजन करीब 1380 किलो है। यह मारुति- 800 कार के आकार का यान है। चंद्रयान-1 चाँद के अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाएगा। चंद्रयान-1 अपने साथ 11 उपकरण भी ले गया है। इसमें सबसे खास उपकरण है मून इम्पैक्टर प्रोब। यही उपकरण चाँद के अनसुलझे रहस्यों का पता लगाएगा।

चंद्रयान-1 की परिकल्पना नौ साल पहले इसरो के तत्कालीन अध्यक्ष सी. कस्तूरीरंगन ने की थी। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने भी मून मिशन के बारे में पहल की थी।

इसरो के अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने यह जानकारी भी दी है कि इसरो ने मंगल पर भी अपना मिशन भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। माधवन के मुताबिक मिशन मंगल को साकार होने में अभी 3-4 साल का वक्त लगेगा फिर भी इसकी तैयारी जोर शोर से जारी है।

इस मिशन से वैश्विक समुदाय में भारत का मान सम्मान बढ़ेगा और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपनी सामर्थ्य दिखाने में भारत को भी मौका मिलेगा। हालाँकि हमारे वैज्ञानिक किसी होड़ से इनकार करते हैं लेकिन स्पेस रेस शुरू हो सकती है। भारत इससे बाहर रहना गवारा नहीं कर सकता है।

इसके साथ ही देश को नई तकनीकों को विकसित करने का मौका मिलेगा और जिस तरह से रिमोट सेंसिंग में भारत काफी आगे है, वैसे अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत अपने झंडे गाड़ सकता है और इसरो के अंतरिक्ष कॉरपोरेशन को काफी काम मिल सकता है।

इसरो ने नहीं कराया चंद्रयान का बीमा
चंद्रयान-1 के जरिए आर्यभट्ट की खोज साकार
अंतरिक्ष में भारत की उपस्थिति
पंद्रह दिनों में चाँद पर पहुँचेगा यान
द्वितीय चंद्रयान मिशन 2009 में!
चंद्रयान मिशन से चाँद भी चकित-कोशी
नक्शा तैयार करने में मदद करेगा चंद्रयान
दीपावली मनेगी तारों के संग
चन्द्रयान ऐतिहासिक उपलब्धि : अटलबिहारी वाजपेयी
आठ नवंबर को चंद्रमा पर लहराएगा तिरंगा
...जब भावुक हो गए राकेश शर्मा
पीएसएलवी ने फिर अपनी क्षमता साबित की
चाँद के लिए उड़ चला चंद्रयान
इसरो को बधाइयों का ताँता

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi