Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मोदी की मौजूदगी में PSLV-C23 का सफल प्रक्षेपण

मोदी ने कहा कि भारत के लिए यह गौरव का क्षण

Advertiesment
हमें फॉलो करें इसरो
, सोमवार, 30 जून 2014 (15:05 IST)
श्रीहरिकोटा (आंध्रप्रदेश)। क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाने के मद्देनजर उपग्रह कूटनीति का प्रस्ताव देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो से एक दक्षेस उपग्रह विकसित करने को कहा जिसे पड़ोसी देशों को एक ‘उपहार’ के तौर पर समर्पित किया जा सकता है।

मोदी ने यहां इसरो के पीएसएलवी सी-23 रॉकेट के जरिए 5 विदेशी उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण को देखने के बाद अपने संबोधन में कहा कि आज मैं आपसे, अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के समुदाय से एक दक्षेस उपग्रह विकसित करने की चुनौती स्वीकार करने के लिए कहता हूं जिसे हम अपने पड़ोसियों को भारत के उपहार के तौर पर समर्पित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से ऐसे उपग्रह पर काम करने को कहा, जो भारत के सभी पड़ोसी देशों को व्यापक आंकड़े और सेवाएं मुहैया कराए।

मोदी ने इसरो के मिशन कंट्रोल रूम से कहा कि ऐसा उपग्रह गरीबी और निरक्षरता के खिलाफ दक्षेस देशों के अभियान में, वैज्ञानिक क्षेत्र में प्रगति की राह में चुनौती से निपटने में मददगार होगा और दक्षेस देशों के युवाओं के लिए अवसरों के द्वार खोलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह के उपग्रह का सपना सभी दक्षेस देशों के विकास के लिए मददगार होगा जिसमें भारत की अहम भूमिका होगी।

मोदी ने अपने भाषण में हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं के साथ-साथ उपाख्यानों का भी खूब उपयोग किया। मिशन तैयारी समीक्षा समिति और प्रक्षेपण बोर्ड ने बीते शुक्रवार को ही इस प्रक्षेपण को मंजूरी दे दी थी, हालांकि सोमवार को पहले से तय समय में फिर बदलाव किया गया और इसका 3 मिनट की देरी से सुबह 9.52 बजे प्रक्षेपण हुआ। यह विलंब रॉकेट के मार्ग में ‘संभवत: अंतरिक्ष के मलबों’ के आने के कारण हुआ।

पीएसएलवी-सी23 जिन 5 उपग्रहों को अपने साथ ले गया उनमें फ्रांस का 714 किलोग्राम का भू-अवलोकन उपग्रह स्पोत-7 प्रमुख है। इसके अलावा जर्मनी के 14 किलोग्राम के ‘एसैट’, कनाडा के एनएलएस7.1 (कैन-एक्स4) और एनएलएस 7.2 (कैन-एक्स4) तथा सिंगापुर के उपग्रह वेलोक्स-1 को प्रक्षेपित किया गया है। कनाडा के दोनों उपग्रह 15-15 किलोग्राम और सिंगापुर का उपग्रह 7 किलोग्राम का है।

अंतरिक्ष स्थल का पहला आधिकारिक दौरा करने वाले मोदी ने अंतरिक्ष समुदाय से कहा कि वह एक दक्षेस उपग्रह का विकास करें। इसके साथ ही उन्होंने वैज्ञानिकों के पहले के योगदानों को याद करते हुए उनकी जमकर तारीफ की। प्रधानमंत्री ने उन तस्वीरों का हवाला दिया जिनमें रॉकेट की सामग्री को साइकलों पर रखकर लाते-ले जाते दिखाया गया है।
webdunia
PTI


काफी खुश नजर आ रहे मोदी ने कहा कि इस प्रक्षेपण का साक्षी बनना सम्मान की बात है तथा उन्होंने इस सफल प्रक्षेपण के लिए ‘प्रतिभाशाली अंतरिक्ष वैज्ञानिकों’ को बधाई दी। मोदी ने मिशन कंट्रोल रूम से कहा कि इसने (प्रक्षेपण) हर भारतीय को आनंदित और गौरवान्वित किया है और मैं आपके चेहरे पर दिख रही प्रसन्नता को देख सकता हूं। उन्होंने कहा कि विदेशी उपग्रहों का यह सफल प्रक्षेपण ‘भारत की अंतरिक्ष क्षमता की वैश्विक अभिपुष्टि’ है।

इस मौके पर मोदी के अलावा आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, आंध्रप्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन तथा केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू मौजूद थे। प्रधानमंत्री श्रीहरिकोटा में इस प्रक्षेपण का साक्षी बनने के लिए रविवार को चेन्नई पहुंचे थे। यह स्थान चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर कर दूरी पर है।

फ्रांसीसी उपग्रह स्पोत-7 को स्पोत-6 उपग्रह के बिलकुल विपरीत दिशा में स्थापित किया जाना है। स्पोत-6 को इसरो ने 2012 में प्रक्षेपित किया था। यूरोपीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कंपनी ‘एयरबस डिफेंस एंड स्पेस’ ने स्पोत-7 का निर्माण किया है। जर्मनी का एसैट उपग्रह वैश्विक समुद्रीय यातायात निगरानी व्यवस्था पर केंद्रित होगा। यह जर्मनी का पहला डीएलआर उपग्रह है।

कनाडा के दोनों उपग्रहों एनएलएस 7.1 और एनएलएस 7.2 को टोरंटो विश्वविद्यालय ओर अंतरिक्ष अध्ययन/ अंतरिक्ष उड़ान प्रयोगशाला संस्थान ने विकसित किया है। सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी की ओर से विकसित उपग्रह वेलोक्स-1 इमेज सेंसर के आंतरिक डिजाइन के लिए प्रौद्योगिकी का प्रदर्शक है।

इन पांचों उपग्रहों का प्रक्षेपण इसरो की व्यावसायिक इकाई एंट्रिक्स के इन देशों के साथ किए गए कारोबारी प्रबंधों के तहत किया गया है। इसरो ने अब तक 19 देशों के 35 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया है जिससे देश के पास काफी विदेशी मुद्रा आई है।

ये देश अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इसराइल, इटली, जापान, कोरिया, लक्जमबर्ग, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड्स, तुर्की और ब्रिटेन हैं। (भाषा)

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi