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मोदी के आगे राजनाथ की भी नहीं चली...

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नई दिल्ली। भाजपा के अध्यक्ष और सरकार में नंबर दो गृहमंत्री राजनाथसिंह की भी नहीं चली। दरअसल, सिंह ने यूपी काडर के आईपीएस अधिकारी आलोकसिंह को अपना निजी सचिव बनाना चाहते थे, जिसे पीएमओ ने लालझंडी चुना था, जिस पर पीएमओ ने आपत्ति जता दी।

उल्लेखनीय है कि आलोकसिंह यूपीए सरकार में मंत्री रहे सलमान खुर्शीद के भी निजी सचिव रहे हैं और एनडीए सरकार की नीति है कि कोई भी मंत्री ऐसे किसी भी अधिकारी को निजी सचिव नहीं रखेगा, जो यूपीए सरकार के मंत्रियों का निजी सचिव रहा हो।

इसी के चलते राजनाथसिंह की पसंद को भी नकारा गया है। पीएमओ ने वीके सिंह, किरण रिजिजू समेत आठ मंत्रियों की पसंद को भी नकार दिया है। बताया जाता है कि पिछले दिनों एक सर्कुलर भेजा गया था, जिसमें कहा गया था कि मंत्रियों के निजी स्टाफ में नियुक्ति के लिए कैबिनेट की नियुक्ति समिति से मंजूरी जरूरी है।

इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रशासन में चुस्ती लाने के नरेन्द्र मोदी यह कदम उठा रहे हैं, लेकिन इससे मंत्रिमंडल के भीतर ही उन्हें असंतोष का सामना करना पड़ सकता है। इससे निकट भविष्य में कामकाज में मुश्किलें भी आ सकती हैं।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्र में सत्तारूढ़ होने के तत्काल बाद भाजपा सांसदों को भी निर्देश दिए थे कि वे अपने रिश्तेदारों को निजी स्टाफ में शामिल नहीं करें। मोदी ने इस सिलसिले में बाराबंकी से भाजपा सांसद प्रियंका रावत को खुद फोन कर उनसे कहा था वह अपने पसर्नल स्टाफ में अपने किसी रिश्तेदार को ना रखें। उस समय खबर आई थी कि प्रियंका ने अपने पिता को अपने आधिकारिक प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त कर दिया है।

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