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मोदी सरकार ने दिया लाखों यूपीएससी परीक्षार्थियों को धोखा

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नई दिल्ली , सोमवार, 4 अगस्त 2014 (23:45 IST)
नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में सरकार द्वारा घोषित बदलावों से असंतुष्ट परीक्षार्थियों ने सोमवार को कहा कि वे सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (सीसैट) प्रश्न-पत्र को पूरी तरह हटाए जाने तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

पिछले 25 दिनों से उत्तर दिल्ली के मुखर्जी नगर में प्रदर्शन कर रहे परीक्षार्थियों ने अब मध्य दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपना प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे परीक्षार्थी पवन ने कहा कि सीसैट को लेकर कार्मिक राज्य मंत्री जीतेंद्र द्वारा लोकसभा में दिए गए बयान से हम बिलकुल संतुष्ट नहीं हैं।

हम सीसैट को पूरी तरह खत्म करने की मांग करते हैं। हमने जंतर-मंतर पर अपना प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है। पवन ने कहा कि सरकार ने सोमवार को जो घोषणा की, वह छात्रों की कभी मांग रही ही नहीं। हमने भाजपा सरकार से कभी नहीं कहा था कि सीसैट पैटर्न में संशोधन किया जाए। इसकी बजाय, हमारी मांग थी कि हिन्दी माध्यम में पढ़े लाखों छात्रों के हित में सीसैट को खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि चुनावों से पहले भाजपा ने वादा किया था कि वह सीसैट खत्म करेगी।

भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने उन लाखों यूपीएससी परीक्षार्थियों को धोखा दिया है जिन्हें उम्मीद थी कि नई सरकार उनकी मांगें मानेगी। गौरतलब है कि कार्मिक मंत्री जीतेंद्र सिंह ने सोमवार को लोकसभा में ऐलान किया कि सीसैट के प्रश्न-पत्र में पूछे जाने वाले अंग्रेजी के सवालों के अंक मेरिट में नहीं जोड़े जाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि 2011 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुए छात्रों को 2015 की परीक्षा में शामिल होने का एक और मौका दिया जाएगा। साल 2011 में ही सीसैट लागू किया गया था। (भाषा)

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