नई दिल्ली। रेल मंत्रालय आगामी रेल बजट में यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने से जुड़े कदमों के तहत पटरियों के साथ एक्स-रे प्रणाली स्थापित करने का प्रस्ताव पेश कर सकता है जिससे ट्रेन में खराब हुए कलपुर्जों के बारे में पता लगाया जा सकेगा।लंबे समय से लंबित आरपीएफ जवानों के लिए एक नई प्रशिक्षण अकादमी के प्रस्ताव को भी रेल बजट 2014-15 में शामिल किए जाने की संभावना है। रेलमंत्री सदानंद गौड़ा आगामी 8 जुलाई को रेल बजट पेश करेंगे। केंद्र की नई राजग सरकार का यह पहला रेल बजट होगा।रेलवे सूत्रों ने बताया कि ‘ट्रैकसाइड एक्स-रे सिस्टम’ उपयुक्त स्थानों पर पटरियों के साथ स्थापित किए जाएंगे। इससे इंजन, कोच और डिब्बों के कलपुर्जों में गड़बड़ियों का पता लगाया जा सकेगा।यह एक्स-रे प्रणाली बियरिंग, पहियों और ब्रेक डिस्क के अत्यधिक गर्म होने का भी पता लगा सकेगी।रेल मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद से गौड़ा यह कहते रहे हैं कि यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाना उनका मुख्य लक्ष्य है तथा उन्होंने इस दिशा में सभी संभव कदमों की पैरवी की है।
किस बात पर है रेलमंत्री का जोर...
रेलमंत्री सदानंद गौड़ा सुरक्षा मानकों में सुधार से संबंधित काकोड़कर समिति की सिफारिशों को लागू करने पर भी जोर देते रहे हैं। मानवरहित क्रॉसिंग को चरणबद्ध तरीके से खत्म करना इस समिति की ओर से की गई एक प्रमुख सिफारिश है। गौड़ा के पहले रेल बजट में इसे भी स्थान मिल सकता है।
देश में करीब 12,000 मानवरहित क्रॉसिंग हैं, जहां सबसे अधिक ट्रेन दुर्घटनाएं होती हैं। इन स्थानों पर कुल रेल हादसों के 40 फीसदी मामले होते हैं।
समझा जाता है कि रेल विभाग धुंधभरे मौसम का मुकाबला करने के लिए आधुनिक उपकरण हासिल करेगा। जाड़े के दिनों में उत्तर भारत में धुंध के कारण आए दिन ट्रेन सेवाओं में विलंब होता है।
सुरक्षा संबंधी कदमों को मजबूत बनाने की दिशा में इस बजट में आरपीएफ जवानों के लिए नई प्रशिक्षण अकादमी की घोषणा हो सकती है। (भाषा)