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लोन पर घर लेने वालों को राहत नहीं

आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान

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नई दिल्ली , मंगलवार, 5 अगस्त 2014 (15:12 IST)
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मुंबई। बारिश की कमी के खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर असर से चिंतित आरबीआई ने मंगलवार को अपनी नीतिगत ब्याजदरों को पहले के स्तर पर बनाए रखने का फैसला किया लेकिन सांविधिक नकदी अनुपात (एसएलआर) में 0.5 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की।

केंद्रीय बैंक के इस कदम से उन लोगों को तगड़ा झटका लगा है जो होम लोन और कार लोन पर ब्याज दर में कमी की उम्मीद कर रहे थे।

एसएलआर में कमी से बैंकों को सरकारी प्रतिभूतियों में पहले से कम नकदी रखनी होगी और इससे बैंकों के पास बाजार को देने के लिए 40,000 करोड़ रपए की अतिरिक्त नकदी सुलभ होगी।

आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने लगातार तीसरी बार मुख्य दरें अपरिवर्तित रखते हुए कहा मानसून में अनिश्चितता के मद्देनजर मुद्रास्फीति बढ़ने और इसका असर खाद्य उत्पादन पर भी पड़ने का जोखिम है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव चल रहा है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने यहां मौद्रिक नीति की तीसरी द्वैमासिक समीक्षा में कहा कि नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखकर जून की तरह ही सतर्कता के साथ मौद्रिक उपाय करने की नीति बरकरार रखना उचित है। इस तरह रेपो दर 8 प्रतिशत, रिवर्स रेपो 7 प्रतिशत और नकद आरक्षी अनुपात 4 प्रतिशत पर बनाए रखा गया है। बैंक दर 9 प्रतिशत पर बरकरार रहेगी।

बैंकों के पास ऋण देने योग्य धन बढ़ाने के उद्येश्य से राजन ने 9 अगस्त से शुरू हो रहे पखवाड़े के लिए एसएलआर 0.50 प्रतिशत घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया। जून में भी इसी तरह की पहल के जरिए बैंकों के लिए अतिरिक्त 40000 करोड़ रपए उपलब्ध कराए थे।

एसएलआर व्यवस्था के तहत बैंकों को अपनी मांग और मियादी जमा का निर्धारित हिस्सा सरकारी प्रतिभूतियों में रखना अनिवार्य होता है।

बैंकों को रेपो के तहत फौरी नकदी की सुविधा के विषय में राजन ने कहा कि एक दिन के उधार की सुविधा के तहत बैंकों की कुल जमा के 0.25 प्रतिशत राशि तक और 7 से 14 दिन के उधार की विशेष रेपो सुविधा के तहत कुल जमा के 0.75 प्रतिशत तक उधार की सुविधा जारी रखी जाएगी।

गौरतलब है कि 0.25 प्रतिशत तक एक दिन का उधार घोषित रेपो दर (8 प्रतिशत की दर पर) तथा 7-14 दिन का उधार नीलामी के आधार पर दिया जाता है जो समान्यत: उंची दर पर पड़ता है।

खुदरा मुद्रास्फीति के बारे में राजन ने कहा कि जनवरी 2015 तक मुद्रास्फीति को 8 प्रतिशत तक सीमित रखने के लक्ष्य को लेकर चिंता नहीं है पर जनवरी 2016 तक इसे 6 प्रतिशत तक सीमित करना महत्वाकांक्षी लक्ष्य है और तब तक इसके थोड़ा उंचा रहने का जोखिम है।

उन्होंने कहा आगाह किया कि 'नीतिगत चौकसी उंची रहेगी।' राजन ने यह भी कहा कि खाद्य प्रबंधन और परियोजना क्रियान्वयन के लिए सरकारी पहलों से आपूर्ति बढ़ेगी।

मौद्रिक नीति की 11:00 बजे घोषणा किए जाने के तत्काल बाद शेयर बाजार में गिरावट दिखी पर बाद में इसमें तेजी लौट आई। बंबई शेयर बाजार का सूचकांक 11 बजकर 38 मिनट पर कल के बंद की तुलना में 0.22 प्रतिशत उपर था।

अक्सर सख्त व मुद्रास्फीति रोधी मौद्रिक नीति के जरिए चौंकाने वाले राजन ने कहा 'मुद्रास्फीति को सीमित दायरे में रखने के लिए आरबीआई जरूरत के मुताबिक पहल करेगा।'

वृद्धि के संबंध में उन्होंने कहा कि 2014-15 के लिए 5.5 प्रतिशत के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वृद्धि की संभावना में हल्का सुधार हुआ है।

राजन ने कहा कि घरेलू आर्थिक गतिविधि से जुड़े रुझान में सुधार हुआ है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति जून में 7.31 प्रतिशत पर रही। यह 43 माह का न्यूनतम स्तर है। मई में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि नौ माह के उच्चतम स्तर 4.7 प्रतिशत पर पहुंच गई।

इन तथ्यों के आधार पर अनुमान था कि राजन आज की समीक्षा में नीतिगत दरों को जस का तस बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि अगली नीतिगत समीक्षा 30 सितंबर को होगी।

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