Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

वामपंथी दलों को प्रधानमंत्री की चुनौती

कहा- अगर चाहें तो समर्थन वापस ले लें

Advertiesment
हमें फॉलो करें प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह परमाणु करार
नई दिल्ली (भाषा) , शनिवार, 11 अगस्त 2007 (16:52 IST)
प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह अमेरिका के साथ हुए असैनिक परमाणु करार पर अडिग हैं और उन्होंने वामपंथी सहयोगियों से दो टूक शब्दों में कह दिया है कि वे अगर चाहें तो सरकार से समर्थन वापस ले सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कोलकाता से निकलने वाले दैनिक 'द टेलीग्राफ' को दिए साक्षात्कार में बताया कि मैंने उनसे (वामपंथी दलों) कह दिया है कि करार पर फिर से बातचीत संभव नहीं है। यह एक सम्मानजनक करार है। कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है, हम पीछे नहीं जा सकते। अगर वे समर्थन वापस लेना चाहते हैं तो वह भी ठीक है।

माकपा नेता प्रकाश कारत और भाकपा नेता एबी बर्धन द्वारा कड़े बयान देने के बाद प्रधानमंत्री ने वामदलों को एक तरह की चुनौती दी है। वामदलों के 64 सांसद संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं। वाम नेताओं ने कहा था कि अगर अमेरिका के साथ परमाणु करार पर सरकार आगे बढ़ी तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी।

अखबार ने मनमोहन के हवाले से कहा कि वामपंथी दलों की कड़ी भाषा से वे नाराज नहीं, बल्कि खिन्न हैं। उन्होंने साफ कहा कि संप्रग वामदलों के बीच एकतरफा रिश्ते नहीं चल सकते।

वामदलों की ओर से परमाणु करार को ठुकरा देने के बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री ने वामदलों के नेताओं से बातचीत की थी। उन्होंने कहा कि वामदलों ने उनकी बात का तुरंत कोई जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि उन लोगों ने अभी इस पर पूरी तरह विचार नहीं किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि न सिर्फ 123 समझौते के बारे में, बल्कि भारत की आंतरिक शक्ति और विश्व में उसकी बढ़ी हुई ताकत के बारे में भी वामदलों को भ्रामक जानकारी है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi