विपश्यना गुरु एसएन गोयनका का निधन
मुंबई , मंगलवार, 1 अक्टूबर 2013 (11:02 IST)
मुंबई। विख्यात आध्यात्मिक और विपश्यना गुरु सत्यनारायण गोयनका का निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे। गोयनका ने रविवार की रात अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को मुंबई के जोगेश्वरी उपनगरीय क्षेत्र स्थित विद्युत शवदाह गृह में किया जाएगा। उनका जन्म 30 जनवरी 1924 में बर्मा (अब म्यांमार) में हुआ था। पढ़ें विस्तार से.... भगवान बुद्ध का सद्धर्म और विपश्यना विपश्यना : जीवन जीने की कला विपश्यना के जरिए मिटाया भ्रष्टाचारउन्होंने वहां पर आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए भगवान बुद्ध द्वारा इस्तेमाल ध्यान तकनीक का इस्तेमाल किया। वे बाद में भारत आ गए और इस तकनीकी को पूरे विश्व में लोकप्रिय बनाया। गोयनका के परिवार में पत्नी और छह पुत्र हैं।गोयनका बर्मा की सायज्ञी यू बा खिन परंपरा की विपश्यना ध्यान के शिक्षक थे। साल 1969 से ही उन्होंने लोगों को विपश्यना मेडिटेशन सिखाना शुरू कर दिया था। बाद में उन्होंने नासिक के इगतपुरी में अपना मेडिटेशन सेंटर खोला। सायज्ञी से ध्यान की 14 वर्षों की शिक्षा के बाद गोयनका ने भारत में ही बसने की योजना बनाई। विपश्यना गुरु ने करीब 300 पाठ्यक्रमों में, भारत, पूर्व और पश्चिम के देशों के हज़ारों लोगों को ध्यान की ये तकनीक सिखाई। दुनियाभर से विदेशी पर्यटक भी खासतौर पर ये कोर्स करने भारत आते थे। गोयनका ने उन्होंने भारत, कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फ्रांस, ब्रिटेन, जापान, श्रीलंका, थाइलैंड, बर्मा और नेपाल समेत कई देशों में अपने ध्यान केन्द्र खोले। गोयनका से ध्यान सीखने वाले लोग लगभग सभी धर्म और संप्रदाय से थे।