साईं बाबा की पूजा करना गलत: शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती
, सोमवार, 23 जून 2014 (11:12 IST)
हिन्दुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने शिर्डी के साईं बाबा के खिलाफ विवादित बयान देते हुए उनकी पूजा का विरोध किया है।
एक न्यूज चैनल से बात करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि साईं बाबा की पूजा करना गलत है। उन्होंने साईं बाबा का मंदिर बनाने का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि साईं बाबा कोई भगवान नहीं है जो उनकी पूजा की जाए। उन्होंने कहा कि साईं बाबा हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है तो फिर सिर्फ हिन्दू ही क्यों साई बाबा की पूजा करें। मुसलमान क्यों नहीं मानते साईं को? यह आलेख जरूर पढ़ें.... सांई बाबा का बचपन, जानिए एक सच्ची कहानीउन्होंने कहा कि मुसलमान तो मानते नहीं, हमीं क्यों माने? स्वरूपानंद ने कहा कि साईं बाबा के नाम पर पैसे बनाए जा रहे हैं। यह धर्म के खिलाफ है।स्वरूपानंद ने साईं बाबा को भगवान मानने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि साईं बाबा अगर हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक हैं, तो उनकी पूजा मुसमान क्यों नहीं करते हैं।स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि साईं बाबा के नाम पर पैसे कमाने का धंधा किया जा रहा है। स्वरूपानंद ने साईं बाबा को न केवल भगवान मानने से इनकार किया बल्कि उनकी पूजा को भी गलत बताया है। उन्होंने कहा कि साईं बाबा का मंदिर बनाना भी गलत है। शंकराचार्य के इस विवादित बयान से साईं बाबा पर आस्था रखने वालों को गहरा आघात लगेगा।
साईं मांसाहारी था और लोगों का...अगले पन्ने पर..
उन्होंने कहा कि साईं बाबा की पूजा हिंदू धर्म को बांटने की साजिश है। उन्होंने यह भी कहा कि साईं बाबा के नाम पर कमाई की जा रही है।
स्वरूपानंद ने कहा कि कहा जाता है कि पूजा अवतार या गुरु की जाती है। सनातन धर्म में भगवान विष्णु के 24 अवतार माने जाते हैं। कलयुग में बुद्ध और कल्कि के अलावा किसी अवतार की चर्चा नहीं है। इसलिए, साईं अवतार नहीं हो सकते।
रही बात गुरु मानने की। तो गुरु वह होता है जो सदाचार से भरा हो, लेकिन साईं मांसाहारी था, लोगों के खतना करवाता था, पंडारक समाज की औलाद था जो लुटेरा समाज था। ऐसे में वह हमारा आदर्श भी नहीं हो सकता।
स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि राम का मंदिर अयोध्या में बनाने का जो अभियान है, उससे ध्यान बंटाने के लिए साईं बाबा के नए-नए मंदिर बनाए जा रहे हैं। करोड़ों रुपए जुटाए जा रहे हैं। जो काम भगवान राम के लिए होना चाहिए, वह साईं के नाम पर हो रहा है।
हिन्दू प्रधान देश को खत्म करने की साजिश...
हिन्दुओं के सबसे बड़े गुरु स्वरूपानंद ने कहा कि हमारे पास शास्त्र भी है और तर्क भी। इनके आधार पर हम साईं का सच बता सकते हैं। उन्होंने कहा, 'भारत का राष्ट्रपति वहां (शिरडी के साईं मंदिर) गया। ये कहा जाता है कि यह हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। लेकिन ये प्रतीक तब होता जब मुसलमान भी मानते। मुसलमान तो मानते नहीं हैं, फिर हम ही क्यों मानें। यह (प्रतीक मानने की बात) वहम है जो समाज में फैलाया गया है। ये ब्रिटेन की तरफ से हो रहा है। वे चाहते हैं कि भारत हिंदू प्रधान नहीं रहे।'
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