साल 2014 से आम आदमी की ये हैं उम्मीदें...
, गुरुवार, 2 जनवरी 2014 (12:05 IST)
नई दिल्ली। साल 2013 आम आदमी के लिए बेहद निराशाजनक रहा। खासतौर पर महंगाई, राजनीतिक भ्रष्टाचार, रेप, हत्या के मामले कमोबेश हर दिन सामने आए। अब आम आदमी को वर्ष 2014 से खासी उम्मीदें हैं। उम्मीदें न केवल समग्र विकास की हैं, बल्कि महंगाई जैसे दानव से निजात पाने की भी है।
किचन में मिले राहत : साल 2013 तक आम आदमी को न केवल बाजार में महंगाई के रावण ने परेशान किया, बल्कि इस रावण ने रसोई में भी घुसपैठ कर दी। रसोई गैस सिलेंडर की न केवल कीमतें बढ़ीं, बल्कि रियायती सिलेंडरों की संख्या बेहद कम कर दी गई। दूसरी ओर सब्जियों ने जैसे आम आदमी के पेट पर लात मारने की ठान ली। पिछले वर्ष में प्याज, आलू, टमाटर सहित सभी सब्जियां गरीब की पहुंच से दूर हो गई। साल 2014 में आम आदमी रसोई से जुड़ी चीजों के दाम कम होने की उम्मीद लगाए बैठा है। चाहे बाकी चीजें पहुंच से बाहर हों, लेकिन दो वक्त की दाल-रोटी का जुगाड़ महंगा ना हो। यह हर आम आदमी की उम्मीद है।
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पैट्रोल, डीजल दामों पर रोक : 2013 तक पेट्रोल, डीजल के दामों में सरकार ने बेरहमी से बढ़ोतरी की। जब भी पेट्रोल, डीजल को लेकर कोई भी सरकारी घोषणा की गई, आम आदमी को निराशा ही हाथ लगी। एक तरफ जहां आसान ऋण सुविधा के साथ किफायती वाहन ऑटो कम्पनियों ने उतारे, वहीं दूसरी ओर आसमान छूते पेट्रोल, डीजल के दामों ने सड़क पर वाहन लाना मुश्किल कर दिया।