सिंघवी लॉटरी मामले में उलझे
मीडिया ब्रीफ्रिंग न करने का निर्देश
कांग्रेस के प्रवक्ता पद पर अभिषेक मनु सिंघवी के बने रहने को लेकर बुधवार को उस समय रहस्य गहरा गया जब पार्टी ने उन्हें तब तक मीडिया ब्रीफिंग न करने का निर्देश दिया जब तक कि केरल उच्च न्यायालय में लॉटरी के एक मामले में उनके पक्ष रखने को लेकर उत्पन्न विवाद पर पार्टी आलाकमान कोई फैसला नहीं करता।
पार्टी महासचिव एवं मीडिया विभाग के प्रभारी जर्नादन द्विवेदी ने कहा कि पार्टी ने इसे (सिंघवी की कार्रवाई को) काफी गंभीरता से लिया है। यह मामला पार्टी के विचाराधीन है और इसलिए यह अंतर्निहित है कि वह संभवत: मीडिया को ब्रीफ नहीं करेंगे।
द्विवेदी ने यह टिप्पणी तब की जब उनसे पूछा था कि क्या उनके मामले में निर्णय होने तक सिंघवी को मीडिया ब्रीफिंग करने से मना कर दिया गया है।
गौरतलब है कि लॉटरी मामले में सिंघवी द्वारा अदालत में पक्ष रखने से पार्टी की केरल इकाई में बवाल मच गया था। पार्टी इकाई ने राज्य के बाहर के लाटरियों के प्रायोजकों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। ऐसे में सिंघवी के इस मामले में अदालत में पैरवी के लिए पेश होने को पार्टी की केरल इकाई ने गंभीरता से लिया और उसने इस बात की शिकायत एआईसीसी से की थी।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सिंघवी ने पहले यह कहा था कि वे भूटान सरकार के पक्ष में अदालत में पेश हुए थे और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। बाद में उन्होंने इस मामले से अपने को अलग करने की घोषणा की थी।
मैं आज्ञाकारी कांग्रेसी : घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिंघवी ने आज कहा कि वह हमेशा एक ‘आज्ञाकारी’ कांग्रेस कार्यकर्ता बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान हमेशा सर्वोच्च है। मैं एक आज्ञाकारी कांग्रेस कार्यकर्ता हूँ और बना रहूँगा। (भाषा)