नई दिल्ली। गोवा के अपने समकक्ष मनोहर पार्रिकर की तरह मुख्यमंत्री बनने वाले अरविंद केजरीवाल दूसरे आईआईटी छात्र हैं और दिल्ली की कमान संभालने के साथ ही वे केंद्रीय मंत्री अजित सिंह और जयराम रमेश जैसी हस्तियों की जमात में शामिल हो गए हैं, जो देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों से ताल्लुक रखते हैं।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर के पूर्व छात्र रहे 45 वर्षीय केजरीवाल ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और आईआईटी से 1989 में पास हुए थे।पार्रिकर और केजरीवाल के अलावा उच्च शिक्षित मुट्ठीभर राजनेताओं की जमात में केंद्रीय मंत्री अजित सिंह और जयराम रमेश शामिल हैं। पार्रिकर आईआईटी मुंबई से मैटालोर्जिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके निकले थे।केजरीवाल की तरह ही अजित सिंह पेशे से कम्प्यूटर इंजीनियर हैं और उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से बी टेक किया था जबकि रमेश ने बांबे आईआईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी टेक किया थ।
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रमेश के एक अन्य आईआईटी साथी नंदन निलेकणि के बारे में भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे अगले लोकसभा चुनाव में राजनीति में आ सकते हैं। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस समय भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के प्रमुख को दक्षिण बेंगलुरु से कांग्रेस उम्मीदवार बनाया जा सकता है।
केजरीवाल मंत्रिमंडल में शामिल सौरभ भारद्वाज और मनीष सिसौदिया की भी इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि है, हालांकि वे आईआईटी से नहीं हैं। इसी प्रकार सिक्किम से एकमात्र सांसद प्रेमदास राय अकेले ऐसे राजनेता हैं, जो आईआईटी व आईआईएम के पूर्व छात्र हैं। वे आईआईटी खड़गपुर और आईआईएम अहमदाबाद के छात्र रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन भी एक अन्य आईआईटी छात्र हैं, जो इस समय एक शीर्ष पद पर हैं। वे आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्वर्ण पदक विजेता हैं। वे आईआईएम अहमदाबाद के पूर्व छात्र भी रहे हैं।
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केजरीवाल मंत्रिमंडल में उनके एक और सहयोगी सोमनाथ भारती हैं जिन्होंने आईआईटी दिल्ली से एमएससी किया है और मालवीय नगर सीट पर जीत हासिल की है। आईआईटी दिल्ली इसी निर्वाचन क्षेत्र में आता है।
एक बार, आईआईटी के करीब 6 पूर्व छात्रों ने एक समूह बनाया था और राजनीति में प्रवेश कर गए थे। ये सभी 20 वर्ष की उम्र के आसपास थे और उन्होंने 2005 में एक पार्टी भी बनाई। जोधपुर में इन्होंने लोक परिवर्तन पार्टी बनाई। इस पार्टी ने 2006 में तमिलनाडु विधानसभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन ये विफल रहे थे। (भाषा)