सीबीआई रखेगी नंदा से जुड़े दस्तावेज
बराक मिसाइल समझौता मामले में मिली अनुमति
एक हजार 150 करोड़ रुपए के बराक मिसाइल समझौते के मामले में एक अदालत ने आग्रह-पत्र के आधार पर संयुक्त अरब अमीरात सरकार से हथियारों के सौदागर सुरेश नंदा के खिलाफ प्राप्त महत्वपूर्ण दस्तावेज सीबीआई को रखने की अनुमति दे दी है।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश आरके यादव ने जाँच एजेंसी के इस आग्रह को स्वीकार कर लिया कि मामले में आगे की जाँच के लिए दस्तावेजों की आवश्यकता है, जिसमें पूर्व रक्षामंत्री जार्ज फर्नांडीस और तत्कालीन नौ सेना प्रमुख एडमिरल सुशील कुमार के नाम सह अभियुक्त के रूप में शामिल हैं।
अदालत ने हालाँकि सीबीआई को यह भी निर्देश दिया कि वह आरोप-पत्र दायर करते समय ये दस्तावेज अदालत को सौंप दे।
न्यायाधीश ने कहा सभी तथ्यों और जाँच के पहलुओं पर विचार करते हुए आदेश दिया जाता है कि आग्रह-पत्र के जवाब में मिली सामग्री जाँच एजेंसी द्वारा रखी जा सकती है। इसे आपराधिक दंड संहिता की धारा 173 के तहत आरोप-पत्र दायर करते वक्त अदालत में पेश किया जाए।
इससे पूर्व अदालत ने ब्रिटेन, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात और जर्मनी को आग्रह-पत्र जारी कर नंदा के खिलाफ सबूत जुटाने में मदद देने को कहा था।
व्यवसायी सुरेश नंदा पूर्व नौ सेना प्रमुख एडमिरल एसएम नंदा का बेटा है। उस पर बराक मिसाइल समझौते में 450 करोड़ रुपए की दलाली खाने का आरोप है।
सीबीआई ने एक आवेदन के जरिए अदालत को सूचना दी कि संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने आग्रह-पत्र के जवाब में कुछ दस्तावेज भेजे हैं, जिनकी उसे जाँच के लिए आवश्यकता है।
जाँच एजेंसी ने अदालत से इन दस्तावेजों को अपने पास रखने की अनुमति माँगी। फर्नांडीस और तत्कालीन नौ सेना प्रमुख एडमिरल सुशीलकुमार भी इस मामले में अभियुक्त हैं। सीबीआई के अनुसार नंदा ने समता पार्टी के तत्कालीन कोषाध्यक्ष आरके जैन को धन दिया था।
नंदा पर आर्म्ड रिकवरी व्हीकल खरीद समझौते में भी दलाली खाने का आरोप है। दूसरी ओर नंदा का दावा है कि जिस धन पर सवाल उठाए जा रहे हैं, वह उचित बैंकिंग चैनलों के जरिए प्राप्त हुआ है।
सीबीआई ने हाल ही में नंदा उसके बेटे संजीव तथा एक आईआरएस अधिकारी सहित दो अन्य के खिलाफ रक्षा समझौतों में कथित दलाली में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने को लेकर एक अन्य मामला दर्ज किया है। इन्हें आठ मार्च को मुम्बई के एक पाँच सितारा होटल से गिरफ्तार किया गया था।