प्राकृतिक विटामिन-सी का स्रोत 'केसरी कल्प'
केसरी कल्प से हो 'कायाकल्प'
बैद्यनाथ केसरी कल्प का प्रमुख घटक द्रव्य है 'आमलकी' अर्थात आँवला। प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों में आमलकी के गुणधर्मों को विस्तार से बताया गया है। साथ ही आधुनिक विज्ञान के परीक्षणों से भी पाया गया है कि आमलकी से प्राकृतिक विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में प्राप्त होता है।
आमलकी में मधुर-आम्ल-कटू-तिक्त-कषाय- ये पाँचों रस मौजूद हैं। आमलकी त्रिदोषामक है अर्थात वात-कफ-पित्त के उपद्रवों को नियंत्रित करने में सक्षम। प्रत्येक 100 ग्राम केसरी कल्प में 34 एमजी विटामिन-सी है। अब तक के परीक्षणों द्वारा यह सिद्ध हुआ है कि केसरी कल्प रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में परम गुणकारी है।
केसरी कल्प का रोग प्रतिरोधक गुणधर्म
प्रदूषण, अत्यधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन, धूम्रपान, दूषित पानी, तीव्र सूर्य किरणें (अल्ट्रा वायलेट रेज) की तीव्रता के कारण त्वचा पर होने वाले विषाक्त परिणामों से शरीर में 'फ्री-रेडिकल्स' की उत्पत्ति होती है, जिसके कारण शरीर में असमय बुढ़ापे के लक्षण दिखाई देने लगते हैं जैसे कि झुर्रियाँ आना, आँखों के नीचे काले धब्बे आना, शक्ति एवं स्फूर्ति की कमी महसूस करना आदि।
'फ्री-रेडिकल्स' के कारण ही शरीर में डायबिटीज, आमवात, संधिवात आदि रोगों का जन्म होने लगता है। एंटीऑक्सीडेंट द्रव्यों में यह गुणधर्म रहता है कि यहशरीर में 'फ्री-रेडिकल्स' की उत्पत्ति को रोकता है जिससे व्यक्ति दीर्घकाल तक स्वस्थ बना रहता है। केसरी कल्प एंटीऑक्सीडेंट गुणधर्म से युक्त होने से 'फ्री-रेडिकल्स' के विषाक्त दुष्परिणामों एवं 'फ्री-रेडिकल्स' की उत्पत्ति को रोकता है। केसरी कल्प मानसिक तनावों से संबंधित रोगों से बचाव करता है।
प्रतिस्पर्धा के इस आधुनिक युग में कामकाजी हर व्यक्ति मानसिक तनाव से उत्पन्न तकलीफों का शिकार है। यही वजह है कि व्यक्ति हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज आदि गंभीर रोगों को निमंत्रण देने लगा है। उदासीनता, सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, स्मरणशक्ति व एकाग्रता की कमी आदि तकलीफों को शरीर में अनजाने-अनचाहे जन्म दे रहा है। इन सभी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए सहायक केसरी कल्प का सेवन परम गुणकारी है।
बालों का झड़ना कम करे- केसरी कल्प
लगभग 100 में से 40 लोग बालों के झड़ने की समस्या से ग्रस्त रहते हैं। बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि एंटीबायोटिक दवाइयों का ज्यादा सेवन, असंयमित दिनचर्या, समतोल आहार का न लेना, शरीर में रक्त व कैल्शियम की कमतरता आदि। केसरी कल्प के नियमित सेवन से शरीर को प्राप्त आवश्यक पोषक तत्वों से इन व्याधियों से बचा जा सकता है। विशेषकर 30 से 40 वर्ष की महिलाओं को केसरी कल्प के सेवन से बाल झड़ने की समस्या से निजात पाते देखा गया है।
केसरी कल्प- कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को संतुलित रखे
शरीर में एलडीएल नामक बेड-कोलेस्ट्रॉल एवं एचडीएल नामक गुड-कोलेस्ट्रॉल मौजूद है। जब शरीर में एलडीएल की मात्रा बढ़ जाती है तो शरीर की रक्तसंवहन क्रिया में बाधा उत्पन्न होती है जिससे हार्टअटैक आने की आशंका बढ़ जाती है। जैसे कि केसरी कल्प में एंटीऑक्सीडेंट गुणधर्म है इसलिए इसके नियमित सेवन से एलडीएल (बेड कोलेस्ट्रॉल) की मात्रा नियंत्रित रहती है और हार्टअटैक आने की आशंका कम हो जाती है।
स्वास्थ्य को बरकरार रखे
'केसरी कल्प' बाजार में उपलब्ध अन्य टॉनिकों से ज्यादा 'असरकारक' और गुणकारी इसलिए माना गया है क्योंकि यह कल्प शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अत्यंत गुणकारी है। 1 चम्मच केसरी कल्प में सोना-चाँदी-कैल्शियम-आयरन-प्रोटीन-विटामिन व आवश्यक पोषक तत्व मौजूद हैं। इसका स्वाद भी बेहतर है। मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के लिए केसरी कल्प के नियमित सेवन से स्वास्थता निरंतर बनी रहती है।
अत्यंत गुणकारी कल्प- केसरी कल्प
केसरी कल्प में दुर्लभ व स्वास्थ्य के लिए हितकर जड़ी-बूटियों के मिश्रण के साथ बहुमूल्य स्वर्ण भस्म, चाँदी कल्प, केसर तथा अभ्रक भस्म, कपिकच्छु, शतावर का समावेश है। इन सभी द्रव्यों के मिश्रण से केसरी कल्प सर्वोत्कृष्ट आयुर्वेदिक टॉनिक सिद्ध हुआ है। इसमें डाले गए प्रमुख घटक द्रव्यों की विशेषता :
* स्वर्ण भस्म : यह शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह मन और शरीर में स्फूर्ति प्रदान करता है।
* केसर : बल्यवर्धक व वेदनानाशक है। त्वचा में निखार लाता है।
* सफेद मूसली : सभी प्रकार की शारीरिक दुर्बलता दूर करने में सहायक है।
* अभ्रक भस्म : शरीर व मन को शक्ति प्रदान कर श्वसन संबंधित तकलीफों व खून की कमी दूर करने में लाभदायक है।
* पिपली : खाँसी, अस्थमा, आमवात आदि दूर करने में लाभदायक है।
* शतावरी : स्त्री/ पुरुषों दोनों के लिए सिद्ध उत्तम टॉनिक है। प्रसूति के बाद महिलाओं में दूध की मात्रा बढ़ाने में लाभदायक है। (इम्पेक्ट फीचर्स)