Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(सप्तमी तिथि)
  • तिथि- पौष कृष्ण सप्तमी
  • शुभ समय-9:11 से 12:21, 1:56 से 3:32
  • व्रत/मुहूर्त-श्री रामानुजन ज., राष्ट्रीय गणित दि.
  • राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

Garba and Dandiya Difference: गरबा और डांडिया में क्या होता है अंतर?

हमें फॉलो करें is dandiya and garba same
is dandiya and garba same
गरबा का महोत्सव यानी नवरात्रि का पर्व अब बस कुछ ही दिन दूर है। माता रानी के आगमन से पहले ही शहर में रौनक और उत्साह की लहर आ जाती है। हर कोई नवरात्रि की तैयारी में जुटा हुआ है। साथ ही कई लोग जोरों शोरों से गरबा की प्रैक्टिस कर रहे हैं। अधिकतर शहरों में गरबा व डांडिया नाईट का आयोजन किया जाता है। पर क्या आपने कभी सोचा कि डांडिया और गरबा में क्या अंतर होता है? अगर आप डांडिया और गरबा को एक समझते हैं तो आप गलत हैं क्योंकि ये दोनों नृत्य काफी अलग होते हैं। चलिए जानते हैं इन दोनों के बीच का अंतर....
 
गरबा और डांडिया में क्या अंतर है? | garba and dandiya difference
नवरात्रि में गरबा और डांडिया खेलने की परंपरा कई सालों पुरानी है। पहले इसे भारत के गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में खेला जाता था, लेकिन धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई। गरबा शब्द कर्म और दीप से मिलकर बना है। गरबा शब्द का अर्थ माता के गर्भ में शिशु के जीवन को दर्शाता है।

नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी के घड़े में बहुत से छेद किए जाते हैं जिसके अंदर एक दीपक प्रज्वलित करके रखा जाता है। इसके साथ चांदी का एक का सिक्का भी रखते हैं। इस दीपक को ही दीप गर्भ कहा जाता है। दूसरी ओर डांडिया नृत्य मां दुर्गा और महिषासुर के बीच हुए युद्ध को प्रदर्शित करता है। डांडिया की रंगीन छड़ी को मां दुर्गा की तलवार माना जाता है। इस कारण से डांडिया को तलवार नृत्य भी कहा जाता है।
webdunia
कैसे खेलते हैं गरबा?
गरबा करते समय नृत्य करने वाले गोले में गरबा करते हैं, जो जीवन के गोल चक्र को दर्शाता है। गरबा नृत्य कई तरह से और कई चीजों के साथ खेला जाता है। गरबे में महिलाएं एवं पुरुष ताली, चुटकी, डांडिया और मंजीरों का उपयोग करते हैं। गरबे के नृत्य में मातृशक्ति व कृष्ण की रासलीला से संबंधित गीत गाए और बजाए जाते हैं। गुजरात के लोगों का यह मानना है कि गरबा नृत्य माता को बहुत प्रिय है, इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए गरबे का नवरात्रि में प्रतिवर्ष आयोजन किया जाता है। 
 
नवरात्रि में क्यों खेला जाता है डंडिया?
नवरात्रि के दिनों में डांडिया खेलना शुभ माना जाता है और नौ दिन ज्योत जलाई जाती है। इस पर्व पर हर शाम भक्त मां की पूजा के लिए एकत्र होते हैं और डांडिया करते हैं। गुजरात व अन्य शहरों में हर घर और गली में मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने डांडिया किया जाता है। साथ ही डांडिया नृत्य मां दुर्गा और महिषासुर के बीच हुए युद्ध को प्रदर्शित करता है। सिर्फ इसलिए इसको तलवार नृत्य या डांस ऑफ स्वॉर्ड भी कहा जाता है।
 
कितने प्रकार का होता है गरबा?
गरबा के लोक नृत्य कार्यक्रमों में अलग-अलग गुजराती नृत्य रूपों को शामिल किया जाता है। इन रूपों में चुटकी, ताली और घुमाव शामिल है। गुजराती भाषा के अनुसार, ताली गरबा और त्रान ताली गरबा दो प्रकार के नृत्य रूप होते हैं।
 
ताली गरबा का मतलब है 2 ताली गरबा और त्रान ताली गरबा का मतलब 3 ताली गरबा होता है। गरबा नंगे पैर करना अनिवार्य है और नर्तक इसे सभी प्रकार की सतहों पर करते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार नंगे पैर गरबा करने की वजह है कि यह आपको धरती माता और देवी से जोड़ता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Navratri Wishes 2023: शारदीय नवरात्रि पर शेयर करें ये लेटेस्ट संदेश