हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होती है। इस नवरात्रि के बाकि की 3 नवरात्रियों, यानी एक चैत्र और दो गुप्त नवरात्रियों से ज्यादा महत्व होता है। इसी नवरात्रि में गरबा नृत्य होता है और विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। आओ जानते हैं कि कब से प्रारंभ हो रही है यह नवरात्र और क्या है घट स्थापना के शुभ मुहूर्त।
शारदीय नवरात्रि कब है 2022:
- शादीय नवरात्रि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी कि 26 सितंबर 2022 सोमवार से प्रारंभ हो रही है, जो 5 अक्टूबर 2022 तक रहेगी।
- आश्विन नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 23 मिनट से शुरू हो जाएगी जो 27 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 08 मिनट पर खत्म होगी।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त :
- सुबह 6 बजकर 11 मिनट से लेकर 7 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।
- विजय मुहूर्त : दोपहर : 02:29 से 03:17 तक।
घट स्थापना की सामग्री : हल्दी, कुंकू, गुलाल, रांगोली, सिंदूर, कपूर, जनेऊ, धूपबत्ती, निरांजन, आम के पत्ते, पूजा के पान, हार-फूल, पंचामृत, गुड़ खोपरा, खारीक, बदाम, सुपारी, सिक्के, नारियल, पांच प्रकार के फल, चौकी पाट, कुश का आसन, नैवेद्य आदि।
कैसे करें घट स्थापना और पूजा, सरल विधि : ( Ghatasthapana kalash sthapana ghat puja vidhi ) :
- घट अर्थात मिट्टी का घड़ा। इसे नवरात्रि के प्रथम दिन शुभ मुहूर्त में ईशान कोण में स्थापित किया जाता है।
- घट में पहले थोड़ी सी मिट्टी डालें और फिर जौ डालें। फिर एक परत मिट्टी की बिछा दें। एक बार फिर जौ डालें। फिर से मिट्टी की परत बिछाएं। अब इस पर जल का छिड़काव करें। इस तरह उपर तक पात्र को मिट्टी से भर दें। अब इस पात्र को स्थापित करके पूजन करें।
- जहां घट स्थापित करना है वहां एक पाट रखें और उस पर साफ लाल कपड़ा बिछाकर फिर उस पर घट स्थापित करें। घट पर रोली या चंदन से स्वास्तिक बनाएं। घट के गले में मौली बांधे।
- अब एक तांबे के कलश में जल भरें और उसके ऊपरी भाग पर नाड़ा बांधकर उसे उस मिट्टी के पात्र अर्थात घट के उपर रखें। अब कलश के ऊपर पत्ते रखें, पत्तों के बीच में नाड़ा बंधा हुआ नारियल लाल कपड़े में लपेटकर रखें।
- अब घट और कलश की पूजा करें। फल, मिठाई, प्रसाद आदि घट के आसपास रखें। इसके बाद गणेश वंदना करें और फिर देवी का आह्वान करें।
- अब देवी- देवताओं का आह्वान करते हुए प्रार्थना करें कि 'हे समस्त देवी-देवता, आप सभी 9 दिन के लिए कृपया कलश में विराजमान हों।'
- आह्वान करने के बाद ये मानते हुए कि सभी देवतागण कलश में विराजमान हैं, कलश की पूजा करें। कलश को टीका करें, अक्षत चढ़ाएं, फूलमाला अर्पित करें, इत्र अर्पित करें, नैवेद्य यानी फल-मिठाई आदि अर्पित करें।
नवरात्रि के नौ दिनों की डेट:
26 सितंबर 2022: नवरात्रि दिन:- प्रतिपदा-मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना
27 सितंबर 2022: नवरात्रि दिन:- द्वितीया-मां ब्रह्मचारिणी पूजा
28 सितंबर 2022: नवरात्रि दिन:- तृतीया-मां चंद्रघंटा पूजा
29 सितंबर 2022: नवरात्रि दिन:- चतुर्थी-मां कुष्मांडा पूजा
30 सितंबर 2022: नवरात्रि दिन:- पंचमी-मां स्कंदमाता पूजा
01 अक्तूबर 2022: नवरात्रि दिन:- षष्ठी-मां कात्यायनी पूजा
02 अक्तूबर 2022: नवरात्रि दिन:- सप्तमी-मां कालरात्रि पूजा
03 अक्तूबर 2022: नवरात्रि दिन:- अष्टमी-मां महागौरी दुर्गा महा अष्टमी पूजा
04 अक्तूबर 2022: नवरात्रि दिन:- नवमी-मां सिद्धिदात्री दुर्गा महा नवमी पूजा
05 अक्तूबर 2022: नवरात्रि दिन:- दशमी-नवरात्रि दुर्गा विसर्जन, विजय दशमी