Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(सोम प्रदोष)
  • तिथि- वैशाख शुक्ल द्वादशी
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30 तक, 9:00 से 10:30 तक, 3:31 से 6:41 तक
  • व्रत/मुहूर्त-सोम प्रदोष/नामकरण मुहूर्त
  • राहुकाल-प्रात: 7:30 से 9:00 बजे तक
webdunia

Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि में शक्ति कैसे प्राप्त करें?

हमें फॉलो करें Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि में शक्ति कैसे प्राप्त करें?
Sharadiya Navratri Sadhana: 15 अक्टूबर 2023 से शारदीय नवरात्रि का महापर्व प्रारंभ होने वाला है। नवरात्रि का पर्व साधना और भक्ति का पर्व है। कई लोग इस दौरान पूजा करते हैं तो कुछ लोग विशेष उद्येश्य की पूर्ति हेतु साधना करते हैं। यदि आप नवरात्र में शक्ति या सिद्धि  प्राप्त करना चाहते हैं तो जानिए कुछ सरल उपाय।
 
दो तरह की साधनाएं :
  • वैसे तो नवरात्रि में कई तरह की साधनाएं होती हैं लेकिन दो तरह की साधनाएं प्रमुख होती है। 
  • पहली दक्षिणमार्गी साधना और दूसरी वाममार्गी साधना। 
  • पूजा, भक्ति गायत्री और योगसम्मत दक्षिणमार्गी साधनाएं होती हैं। 
  • शैव, नाथ और शाक्त संप्रदाय में वाममार्गी अर्थात तांत्रिक साधनाओं का उल्लेख मिलता है। 
  • किसी भी प्रकार की साधना करने के लिए सही ज्ञान और गुरु का होना जरूरी होता है। 
  • उपरोक्त साधना को देवी और इससे अलग प्रकार की साधना को आसुरी साधना कहते हैं। 
  • इस तरह परा और अपरा नाम से दो तरह की साधनाएं होती हैं।
  • गुप्त नवरात्रियों में वाममार्गी साधना करते हैं।
  • चैत्र और शारदीय नवरात्रि में दक्षिणमार्गी साधना से शक्ति प्राप्त करते हैं। 
webdunia
दक्षिणमार्गी साधना : 
  • चैत्र और शारदीय नवरात्र‍ि में दक्षिणमार्गी साधना करते हैं। 
  • इसमें व्रत रखकर पूजा, हवन, नाम या मंत्र जप के साथ ही पाठ किया जाता है। 
  • यदि आप नवरात्रि में किसी भी प्रकार की साधना कर रहे हैं तो पहले आपको साध्य देवी का चयन करना होगा। 
  • देवियों में अम्बिका, सती, पार्वती, उमा, माता दुर्गा या दुर्गा के नौ रूपों यानी नवदुर्गा में से किसी एक रूप की साधना कर सकते हैं। 
कैसे करें साधना:
  • इस दौरान उसे घट स्थापना करके, माता की ज्योत जलाकर चंडीपाठ, देवी महात्म्य परायण या दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। 
  • इन नौ दिनों के दौरान माता के मंत्र का जाप करते हुए व्यक्ति को उपवास और संयम में रहना चाहिए। 
  • सप्तमी, अष्टमी और नौवमी के दिन कन्या पूजन करके उन्हें अच्‍छे से भोजन ग्रहण कराना चाहिए। 
  • अंतिम दिन विधिवत रूप से साधना और पूजा का समापन करके हवन करना चाहिए।
 
नवरात्रि में विधि-विधान से इन सिद्ध मंत्रों के जाप करना चाहिए-
दुर्गा मंत्र - ॐ ह्रीं दुं दुर्गाय नमः।
दुर्गा मंत्र का फल इस प्रकार है- सभी प्रकार की सिद्धियों के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है। शक्तिमान, भूमिवान बनने के लिए इस मंत्र का प्रयोग कर लाभ पा सकते हैं।
 
सरस्वती गायत्री मंत्र
ॐ ऐं वाग्देव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि, तन्नो देवी प्रचोदयात्‌।
उपरोक्त मंत्र के जाप से विद्या की प्राप्ति में सफलता मिलती है।
 
लक्ष्मी गायत्री मंत्र-
ॐ महादेव्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि, तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्‌।
उपरोक्त मंत्र जाप करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
 
मां बगुलामुखी मंत्र इस प्रकार है-
ॐ ह्रीं बगुलामुखी सर्व दुष्टानांम्‌ वाचम्‌ मुखम्‌ पद्म स्तंभय जिह्वाम्‌ किल्‌य किल्‌य ह्रीं ॐ स्वाहा।
यह मंत्र तांत्रिक सिद्ध‍ि प्राप्त करने के लिए किया जाता है।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नवरात्रि की प्रथम देवी मां शैलपुत्री की पौराणिक कथा