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आज के शुभ मुहूर्त

(संकष्टी चतुर्थी)
  • तिथि- वैशाख कृष्ण तृतीया
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00
  • व्रत/मुहूर्त-वैशाखी संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
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आप भी जानिए माता के 9 अवतारों का वर्णन...

हमें फॉलो करें आप भी जानिए माता के 9 अवतारों का वर्णन...
ये हैं सती पार्वती के 9 अवतार... 
 

 
कैलाश पर्वत के ध्यानी की अर्धांगिनी मां सती पार्वती को ही शैलपुत्री‍, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री आदि नामों से जाना जाता है।

इसके अलावा भी मां के अनेक नाम हैं जैसे दुर्गा, जगदम्बा, अम्बे, शेरांवाली आदि। इनके दो पुत्र हैं गणेश और कार्तिकेय।

यहां प्रस्तुत है माता के नौ अवतारों का वर्णन।

ये हैं नवदुर्गा -
 
1. शैलपुत्री, 2. ब्रह्मचारिणी, 3. चंद्रघंटा, 4. कूष्मांडा, 5. स्कंदमाता, 6. कात्यायनी, 7. कालरात्री, 8. महागौरी और 9. सिद्धिदात्री।


आगे पढ़ें माता दुर्गा के बारे में विशेष जानकारी 
 

 
 

1. शैलपुत्री :
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शैल पुत्री का अर्थ पर्वत राज हिमालय की पुत्री। यह माता का प्रथम अवतार था जो सती के रूप में हुआ था।
 
 

2. ब्रह्मचारिणी : 

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ब्रह्मचारिणी अर्थात् जब उन्होंने तपश्चर्या द्वारा शिव को पाया था।
 
 

3. चंद्रघंटा : 
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चंद्र घंटा अर्थात् जिनके मस्तक पर चंद्र के आकार का तिलक है।
 
 

4. कूष्मांडा : 

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ब्रह्मांड को उत्पन्न करने की शक्ति प्राप्त करने के बाद उन्हें कूष्मांड कहा जाने लगा। उदर से अंड तक वह अपने भीतर ब्रह्मांड को समेटे हुए है, इसीलिए कूष्‍मांडा कहलाती है।
 
 

5. स्कंदमाता : 

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उनके पुत्र कार्तिकेय का नाम स्कंद भी है इसीलिए वह स्कंद की माता कहलाती है।
 
 

6. कात्यायिनी : 

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महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्होंने उनके यहां पुत्री रूप में जन्म लिया था, इसीलिए वे कात्यायिनी कहलाती है।
 
 

7. कालरात्रि : 

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मां पार्वती काल अर्थात् हर तरह के संकट का नाश करने वाली है इसीलिए कालरात्रि कहलाती है।
 
 

8. महागौरी : 

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माता का रंग पूर्णत: गौर अर्थात् गौरा है इसीलिए वे महागौरी कहलाती है।
 
 

9. सिद्धिदात्री : 

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जो भक्त पूर्णत: उन्हीं के प्रति समर्पित रहता है, उसे वह हर प्रकार की सिद्धि दे देती है। इसीलिए उन्हें सिद्धिदात्री कहा जाता है। 


 

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