नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विधान है। हर रूप का अपना एक महत्व है। आइए जानते हैं मां के नौ रूप और नवग्रहों में है क्या संबंध...
 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	
	 
	मां शैलपुत्री करती हैं चंद्रमा को शीतल
	 
	- यह देवी दुर्गा के नौ रूपों में से प्रथम रूप है। मां शैलपुत्री चंद्रमा को दर्शाती हैं और इनकी पूजा से चंद्रमा से संबंधित दोष समाप्त हो जाते हैं।
	 
	मां ब्रह्मचारिणी हरती हैं मंगल दोष 
	 
	- देवी ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से मंगल ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
	 
	मां चंद्रघंटा से होते हैं शुक्र अनुकूल 
	 
	- देवी चंद्रघंटा शुक्र ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से शुक्र ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
								
								
								
										
			        							
								
																	
	 
	मां कूष्मांडा करती है सूर्य को प्रबल 
	 
	- मां कूष्माण्डा सूर्य का मार्गदर्शन करती हैं अतः इनकी पूजा से सूर्य के कुप्रभावों से बचा जा सकता है।
	 
	मां स्कंदमाता से बुध ग्रह होता है नियंत्रित 
	 
	- देवी स्कंदमाता बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से बुध ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
	 
	मां कात्यायनी से गुरु ग्रह की बढ़ती है शुभता 
	 
	- देवी कात्यायनी बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से बृहस्पति के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
	 
	मां कालरात्रि से कम होते हैं शनि के बुरे प्रभाव
	 
	- देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से शनि के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
	 
	मां महागौरी राहु के दोष दूर करती हैं 
	 
	- देवी महागौरी राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से राहु के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
	 
	मां सिद्धिदात्री से केतु ग्रह होता है शुभ 
	 
	- देवी सिद्धिदात्री केतु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से केतु के बुरे प्रभाव कम होते हैं।