Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(सप्तमी तिथि)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण सप्तमी
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00 तक
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
  • व्रत/दिवस-झलकारी बाई ज., दुर्गादास राठौर दि.
webdunia
Advertiesment

Chaitra Navratri 2021 : नवरात्र में क्यों जलाते अखंड ज्योत, जानिए महत्व

हमें फॉलो करें Chaitra Navratri 2021 : नवरात्र में क्यों जलाते अखंड ज्योत, जानिए महत्व
webdunia

पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे

नवरात्र में मां को प्रसन्न करने के लिए सभी मां भक्त मातारानी की आराधना अपनी शक्ति के अनुसार करते हैं। 
 
किसी भी प्रकार की पूजन, आराधना व भक्ति हो, उस कार्य में दीपक का बड़ा महत्व है। दीपक भी 2 प्रकार से प्रज्वलित किए जाते हैं- 1. कर्म दीप : अर्थात जब तक देवी अर्थात देवता की पूजन या आराधना चले, उस समय तक दीपक जलता रहे। 2. अखंड दीप (ज्योत) : यह दीपक पूरे पर्व (त्योहार) तक जलता रहे। 
 
नवरात्र में भी भक्त मां की आराधना के लिए पूरे 9 दिन अखंड ज्योत लगाकर भक्ति करते हैं। जानिए अखंड ज्योत का महत्व।
 
नवरात्र यानी 9 दिनों तक चलने वाली देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की आराधना के साथ ही इस पावन पर्व पर कई घरों में घटस्थापना होती है, तो कई जगह अखंड ज्योत का विधान है। शक्ति की आराधना करने वाले जातक अखंड ज्योति जलाकर मां दुर्गा की साधना करते हैं। अखंड ज्योति अर्थात ऐसी ज्योति जो खंडित न हो। अखंड ज्योत पूरे 9 दिनों तक अखंड रहनी चाहिए यानी जलती रहनी चाहिए। अखंड दीप को विधिवत मंत्रोच्चार से प्रज्वलित करना चाहिए। नवरात्रि में कई नियमों का पालन किया जाता है।
 
अखंड ज्योत का महत्व
 
नवरात्रि में अखंड ज्योत का बहुत महत्व होता है। इसका बुझना अशुभ माना जाता है। इस प्रकार का जलता हुआ दीपक आर्थिक प्राप्‍ति का सूचक होता है। दीपक का ताप दीपक से 4 अंगुल चारों ओर अनुभव होना चाहिए।यह दीपक भाग्योदय का सूचक होता है। जिस दीपक की लौ सोने के समान रंग वाली हो, वह दीपक आपके जीवन में धन-धान्य की वर्षा कराता है एवं व्यवसाय में तरक्की का संदेश देता है।
 
निरंतर 1 वर्ष तक अखंड ज्योति जलने से हर प्रकार की खुशियों की बौछार होती है। ऐसा दीपक वास्तुदोष, क्लेश, तनाव, गरीबी आदि सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करता है। अगर आपकी अखंड ज्योति बिना किसी कारण के स्वयं बुझ जाए तो इसे अशुभ माना जाता। दीपक में बार-बार बत्ती नहीं बदलनी चाहिए। दीपक से दीपक जलाना भी अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से रोग में वृद्ध‍ि होती है, मांगलिक कार्यों में बाधाएं आती हैं। संकल्प लेकर किए गए अनुष्‍ठान या साधना में अखंड ज्योति जलाने का प्रावधान है। अखंड ज्योति में घी डालने या फिर उसमें कुछ भी बदलाव का काम साधक को ही करना चाहिए, अन्य किसी व्यक्ति से नहीं करवाना चाहिए।
 
अखंड ज्योत स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा
 
मां के सामने अखंड ज्योति जलाने से उस घर में हमेशा से मां की कृपा रहती है। नवरात्र में अखंड दीप जलाना स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है, क्योंकि घी और कपूर की महक से इंसान की श्वास और नर्वस सिस्टम बढ़िया रहता है। नवरात्र में अखंड दीप जलाने से मां कभी अपने भक्तों से नाराज नहीं होती हैं। नवरात्र में अखंड ज्योति से पूजास्थल पर कभी भी अनाप-शनाप चीजों का साया नहीं पड़ता है। नवरात्र में घी या तेल का अखंड दीप जलाने से दिमाग में कभी भी नकारात्मक सोच हावी नहीं होती है और चित्त खुश और शांत रहता है। घर में सुगंधित दीपक की महक चित्त शांत रखती है जिसके चलते घर में झगड़े नहीं होते व वातावरण शांत रहता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Devi Chandraghanta की आरती : जय मां चंद्रघंटा सुख धाम, पूर्ण कीजो मेरे काम