दुर्गा सप्तशती एवं श्रीमद् देवी भागवत के मूल खंड में देवी के नौ स्वरूपों की विस्तार से व्याख्या की गई है। साधक उस विधि से भी आराधना कर सकते हैं। शक्ति उपासना का पर्व चैत्र नवरात्र प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। इस दौरान नौ शक्तियों की आराधना की जाती है। आदिशक्ति के 52 पीठों में भी विशेष आराधना होती है।
देवी आराधना के पर्व नवरात्रि में उपासक अगर कठिन पाठ और मंत्र जप से डरते हैं तो नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ रूपों की साधना दिव्य एकाक्षरी मंत्र से करना चाहिए। यह सरल मंत्र ही समस्त बाधा, अरिष्ट व अनिष्ट का नाश करते हैं तथा देवी मां मनोवांछित फल प्रदान करती हैं।
इन एकाक्षरी बीज मंत्र का जाप करें।
* ॐ शैल पुत्र्यैय नमः
* ॐ ब्रह्मचारिण्यै नम:
* ॐ चन्द्रघंटेति नम:
* ॐ कुष्मांडैय नम:
*ॐ स्कंदमातैय नम:
* ॐ कात्यायनी नम:
* ॐ कालरात्रैय नम:
* ॐ महागौरेय नम:
* ॐ सिद्धिदात्रैय नम: