Chaitra Navratri 2022: वर्ष में 4 नवरात्रियां आती है। चैत्र माह में वसंत नवरात्रि, आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि, आश्विन माह में शारदीय नवरात्रि और माघ माह में गुप्त नवरात्र। सभी नवरात्रियां एक-दूसरे से अलग हैं। आषाढ़ और माघ माह की गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा होती है जबकि चैत्र और आश्विन माह में 9 दुर्गा की पूजा होती है। आओ जानते हैं कि चैत्र या वसंत नवरात्रि किसत तरह अलग है आश्विन या शारदीय नवरात्रि से।
1. चैत्र नवरात्रि से ही हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है जबकि शारदीय नवरात्रि वर्ष के मध्य का समय होता है।
2. चैत्र नवरात्रि का महत्व खासकर महाराष्ट्र, आंध प्रदेश, तेलांगना और कर्नाटक में रहता है, जबकि शारदीय नवरात्रि की महत्व खासकर पश्चिम बंगाल और गुजरात में रहता है।
3. चैत्र नवरात्रि के दिनों में साधना का खासा महत्व रहता है जबकि शारदीय नवरात्रि के दिन दुर्गा पूजा और आराधना का खासा महत्व रहता है।
4. दरअसल वासन्तिक (चैत्र) नवरात्र के अंत में रामनवमी आती है, अतएव इस नवरात्रि में शक्ति और विष्णु, दोनों की आराधना की जाती है जबकि शारदीय नवरात्र के अंत में दुर्गा महानवमी आती है, और दूसरे दिन विजयादशीम आती है। मान्यता है कि विजयादशी के दिन जहां मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था वहीं श्रीराम ने रावण का वध किया था। इसलिए इस नवरात्रि में विशुद्ध रूप से शक्ति की उपासना की जाती है।
5. शारदीय नवरात्रि में सात्विक साधना, नृत्य और उत्सव मनाया जाता है जबकि चैत्र नवरात्रि में कठिन साधना और कठिन व्रत का महत्व होता है।
6. शारदीय नवरात्रि को सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति हेतु मनाया जाता है जबकि चैत्र नवरात्रि को आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति, सिद्धि, मोक्ष हेतु मनाया जाता है।
7. चैत्र नवरात्रि में वसंत का आगमन होता, जबकि शारदीय नवरात्र में जाड़ा का आरंभ होता।