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गुप्त नवरात्रि में एकांत या गुप्त रूप से क्यों होती है 10 महाविद्याओं की आराधना?

हमें फॉलो करें Chaitra Navratri 2022
, गुरुवार, 30 जून 2022 (12:29 IST)
Aashadh gupt navratri 2022: 30 जून 2022, गुरुवार से आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो गई है जो 8 जुलाई तक रहेगी। इस नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की साधना या आराधना की जाती है और वह भी गुप्त या एकांत रूप से इसीलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं।
 
 
गुप्त नवरात्रि की 10 देवियां:- 1.काली, 2.तारा, 3.त्रिपुरसुंदरी, 4.भुवनेश्वरी, 5.छिन्नमस्ता, 6.त्रिपुरभैरवी, 7.धूमावती, 8.बगलामुखी, 9.मातंगी और 10.कमला। उक्त दस महाविद्याओं का संबंध अलग अलग देवियों से हैं।
 
क्यों करते हैं एकांत में साधना?
1. गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है। इसीलिए इसे एकांत में किया जाता है।
 
2. इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं इसीलिए उन्हें यह साधना एकांत में करना होती है।
 
3. इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं। इसीलिए उन्हें एकांत की आवश्यकता होती है।
 
4. गुप्त नवरात्रि में कुछ साधक अघोर साधान भी करते हैं। अघोर साधन दस महाविद्या में से किसी एक की साधना करते हैं जो कि गुप्त रूप से होती है।
 
5. भगवान विष्णु शयन काल की अवधि के बीच होते हैं तब देव शक्तियां कमजोर होने लगती हैं। उस समय पृथ्वी पर रुद्र, वरुण, यम आदि का प्रकोप बढ़ने लगता है इन विपत्तियों से बचाव के लिए गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की गुप्त रूप से उपासना की जाती है।
 

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