13 अक्टूबर 2021 को शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। इस दिन माता महागौरी की पूजा होती है। कई घरों में इस दिन नवरात्र व्रत का पारण होता है और इसी के साथ हवन भी किया जाता है। आओ जानते हैं कि हवन या यज्ञ में कौन सी विशेष सामग्री का उपयोग होता है।
दानुसार यज्ञ पांच प्रकार के होते हैं- ब्रह्म यज्ञ, देव यज्ञ, पितृयज्ञ, वैश्वदेव यज्ञ और अतिथि यज्ञ। इसमें से देवयज्ञ ही अग्निहोत्र कर्म है। इसे ही हवन कहते हैं। यह अग्निहोत्र कर्म कई प्रकार से किया जाता है। नवरात्रि में देवी के निमित्त किया जाता है।
हवन सामग्री लिस्ट :
1. हवन सामग्री जितनी हो सके अच्छा है। नहीं तो काष्ठ, समिधा और घी से ही काम चला सकते हैं। आम या ढाक की सूखी लकड़ी या नवग्रह की नौ समिधा (आक, ढाक, कत्था, चिरचिटा, पीपल, गूलर, जांड, दूब, कुशा) से भी काम चल सकता है।
2. कूष्माण्ड (पेठा), 15 पान, 15 सुपारी, लौंग 15 जोड़े, छोटी इलायची 15, कमल गट्ठे 15, जायफल 2, मैनफल 2, पीली सरसों, पंच मेवा, सिन्दूर, उड़द मोटा, शहद 50 ग्राम, ऋतु फल 5, केले, नारियल 1, गोला 2, गूगल 10 ग्राम, लाल कपड़ा, चुन्नी, गिलोय, सराईं 5, आम के पत्ते, सरसों का तेल, कपूर, पंचरंग, केसर, लाल चंदन, सफेद चंदन, सितावर, कत्था, भोजपत्र, काली मिर्च, मिश्री, अनारदाना। चावल 1.5 किलो, घी एक किलो, जौ 1.5 किलो, तिल 2 किलो, बूरा तथा सामग्री श्रद्धा के अनुसार। अगर, तगर, नागर मोथा, बालछड़, छाड़छबीला, कपूर कचरी, भोजपत्र, इन्द जौ, सितावर, सफेद चन्दन बराबर मात्रा में थोड़ ही सामग्री में मिलावें।
पीपल का तना और छाल, बेल, नीम, पलाश, गूलर की छाल, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, तिल, चावल, लौंग, गाय का घी, गुग्गल, लोभान, इलायची, शक्कर और जौ। इसके अलावा एक सूखा नारियल या गोला, कलावा या लाल रंग का कपड़ा और एक हवन कुंड।