Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(शनि प्रदोष)
  • तिथि- ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00
  • त्योहार/व्रत/मुहूर्त-वट सावित्री व्रतारंभ, पंचक स., शनि प्रदोष
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
webdunia

Mata Kalratri Mantra: माता कालरात्रि के ये 7 मंत्र, बड़ी से बड़ी विपदा का भी करते हैं अंत

Advertiesment
हमें फॉलो करें कालरात्रि
नवरात्रि की सप्तमी तिथि को माता का कालरात्रि रूप का पूजन किया जाता है। इनका रूप अन्य रूपों से अत्यंत भयानक है, लेकिन माता अत्यंत दयालु-कृपालु हैं। ऐसे लोग जो किसी कृत्या प्रहार से पीड़ित हो एवं उन पर किसी अन्य तंत्र-मंत्र का प्रयोग हुआ हो, वे इनकी साधना कर समस्त कृत्याओं तथा शत्रुओं से निवृत्ति पा सकते हैं। 
 
मंत्र इस प्रकार है-
 
(1) 'ॐ कालरात्र्यै नम:।' 
 
(2) 'ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।' 
 
 
स्वप्न दर्शन के फल शास्त्रों में कई बतलाए गए हैं। यदि कुफल वाला कोई स्वप्न देखें जिसका फल खराब हो, उसे अच्‍छा बनाने के लिए स्वप्न देखने के बाद प्रात: एक माला जपने से बुरा फल नष्ट होकर अच्‍छा फल मिलता है। 
 
मंत्र-
 
(3) 'ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।'
 
कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही हो, शत्रु तथा विरोधी कार्य में अड़ंगे डाल रहे हों, उन्हें निम्न मंत्र का जप कर अपने को बाधाओं से मुक्ति दिलाएं। 
 
(4)ॐ ऐं सर्वाप्रशमनं त्रैलोक्यस्या अखिलेश्वरी।
एवमेव त्वथा कार्यस्मद् वैरिविनाशनम् नमो सें ऐं ॐ।।
 
होम द्रव्य, सरसों, कालीमिर्च, दालचीनी इत्यादि।
 
भगवती की कृपा, दर्शन तथा वैभव प्राप्ति के लिए जपें- मंत्र
 
(5) ॐ यदि चापि वरो देयस्त्वयास्माकं महेश्वरि।।
संस्मृता संस्मृता त्वं नो हिंसेथाः परमाऽऽपदः ॐ।
 
घृत, गुग्गल, जायफलादि की आहुति दें।
 
(6) ॐ ऐं यश्चमर्त्य: स्तवैरेभि: त्वां स्तोष्यत्यमलानने
तस्य वि‍त्तीर्द्धविभवै: धनदारादि समप्दाम् ऐं ॐ।
 
पंचमेवा, खीर, पुष्प, फल आदि की आहुति दें। जितने भी मंत्र दिए गए हैं, वे सभी शास्त्रीय तथा कई श्री दुर्गासप्तशती से उद्घृत हैं।
 
जप का दशांश हवन, का दशांश तर्पण, का दशांश मार्जन, का दशांश ब्राह्मण भोजन तथा कन्या पूजन तथा भोजन कराने से मंत्र सिद्धि होती है।
 
माता कालरात्रि का उपासना मंत्र
 
(7) एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

October Weekly Horoscope 2019 : जानिए बारह राशियां और सप्ताह का भविष्यफल