* नवरात्रि पर्व : माता पार्वती ने किया था असुरों के नाश...
नवरात्रि पर्व मनाने के पीछे बहुत-सी रोचक कथाएं प्रचलित हैं। आपके लिए प्रस्तुत हैं असुरों के नाश की एक रोचक कथा।
कहा जाता है कि दैत्य गुरु शुक्राचार्य के कहने पर दैत्यों ने घोर तपस्या कर ब्रह्माजी को प्रसन्न किया और वर मांगा कि उन्हें कोई पुरुष, जानवर और उनके शस्त्र न मार सकें।
वरदान मिलते ही असुर अत्याचार करने लगे, तब देवताओं की रक्षा के लिए ब्रह्माजी ने वरदान का भेद बताते हुए बताया कि असुरों का नाश अब स्त्री शक्ति ही कर सकती है।
ब्रह्माजी के निर्देश पर देवों ने 9 दिनों तक मां पार्वती को प्रसन्न किया और उनसे असुरों के संहार का वचन लिया। असुरों के नाश का पर्व है नवरात्रि। असुरों के संहार के लिए देवी ने रौद्र रूप धारण किया था इसीलिए शारदीय नवरात्रि शक्ति-पर्व के रूप में मनाया जाता है।
लगभग इसी तरह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से 9 दिनों तक देवी के आह्वान पर असुरों के संहार के लिए माता पार्वती ने अपने अंश से 9 रूप उत्पन्न किए। सभी देवताओं ने उन्हें अपने शस्त्र देकर शक्ति संपन्न किया।
इसके बाद देवी ने असुरों का अंत किया। यह संपूर्ण घटनाक्रम चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से 9 दिनों तक घटित हुआ इसलिए चैत्र नवरात्रि मनाए जाते हैं।