नवरात्रि में युवा इन सरल मंत्रों में से अपनी रुचि के अनुसार कोई एक मंत्र का प्रयोग करें। श्रद्धा व विश्वास से कार्यसिद्धि होगी। नवरात्र में माता सरस्वती का चित्र श्वेत वस्त्र पर स्थापित कर यथाशक्ति पूजन करें। नैवेद्य में दूध की बनी मिठाई का भोग लगाएं। अंत में दुर्गाजी से क्षमा-प्रार्थना व आरती करें।
1. 'ॐ ऐं नम:' नित्य स्फटिक की माला से 21-51-101 माला करें।
2. 'ॐ ऐं वद वद वाग्वादिनी स्वाहा' की यथाशक्ति माला जपें।
3. 'ॐ ह्रीं श्रीं ऐं वाग्वादिनी भगवति अर्हन्मुख निवासिनी सरस्वति मासस्ये प्रकाश कुरु कुरु ऐं नम:' की 11 माला नित्य करें। समय प्रात: या अर्द्धरात्रि शुभ रहेगा।
4. 'ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:' की 51 माला नवरात्र में नित्य करें।
5. 'ॐ ऐं नम: भगवति वद वद वाग्देवि स्वाहा' की 51 माला नवरात्र में नित्य करें।
उपरोक्त प्रयोग श्रद्धा व विश्वास के साथ करें। अंत में स्वाहा लगाकर गौघृत से हवन करें। नवरात्र के पश्चात नित्य एक माला करें।