Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(चतुर्थी तिथि)
  • तिथि- पौष कृष्ण चतुर्थी
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-देवदर्शन
  • राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

शारदीय नवरात्रि पूजन : कैसे करें आराधना, पढ़ें सरल विधि

हमें फॉलो करें शारदीय नवरात्रि पूजन : कैसे करें आराधना, पढ़ें सरल विधि
नवरात्रि पूजन कैसे करें आराधना 
नवरात्रि में कैसे करें पूजन  
 
आइए जानें नवरात्रि में पूजन कैसे करना चाहिए और इसके क्या नियम हैं? 
 
* आश्विन शुक्ल प्रतिपदा को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें। 
 
* घर के ही किसी पवित्र स्थान पर स्वच्छ मिट्टी से वेदी बनाएं। 
 
* वेदी में जौ और गेहूं दोनों को मिलाकर बोएं। 
 
* वेदी पर या समीप के ही पवित्र स्थान पर पृथ्वी का पूजन कर वहां सोने, चांदी, तांबे या मिट्टी का कलश स्थापित करें। 
 
* इसके बाद कलश में आम के हरे पत्ते, दूर्वा, पंचामृत डालकर उसके मुंह पर सूत्र बाधें। 
 
* कलश स्थापना के बाद गणेश पूजन करें। 
 
* इसके बाद वेदी के किनारे पर देवी की किसी धातु, पाषाण, मिट्टी व चित्रमय मूर्ति विधि-विधान से विराजमान करें। 
 
* तत्पश्चात मूर्तिका आसन, पाद्य, अर्ध, आचमन, स्नान, वस्त्र, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन, पुष्पांजलि, नमस्कार, प्रार्थना आदि से पूजन करें। 
 
* इसके पश्चात दुर्गा सप्तशती का पाठ, दुर्गा स्तुति करें। 
 
* पाठ स्तुति करने के बाद दुर्गाजी की आरती करके प्रसाद वितरित करें। 
 
* इसके बाद कन्या भोजन कराएं। फिर स्वयं फलाहार ग्रहण करें। 
 
प्रतिपदा के दिन घर में ही जवारे बोने का भी विधान है। नवमी के दिन इन्ही जवारों को सिर पर रखकर किसी नदी या तालाब में विसर्जन करना चाहिए। अष्टमी तथा नवमी महातिथि मानी जाती हैं। 
 
इन दोनों दिनों में पारायण के बाद हवन करें फिर यथा शक्ति कन्याओं को भोजन कराना चाहिए। 
 
नवरात्रि में क्या करें, क्या न करें  
 
* इन दिनों व्रत रखने वाले को जमीन पर सोना चाहिए। 
 
* ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। 
 
* व्रत करने वाले को फलाहार ही करना चाहिए। 
 
* नारियल, नींबू, अनार, केला, मौसमी और कटहल आदि फल तथा अन्न का भोग लगाना चाहिए। 
 
* व्रती को संकल्प लेना चाहिए कि हमेशा क्षमा, दया, उदारता का भाव रखेगा। 
 
* इन दिनों व्रती को क्रोध, मोह, लोभ आदि दुष्प्रवृत्तियों का त्याग करना चाहिए। 
 
* देवी का आह्वान, पूजन, विसर्जन, पाठ आदि सब प्रातःकाल में शुभ होते हैं, अतः इन्हें इसी दौरान पूरा करना चाहिए। 
 
* यदि घटस्थापना करने के बाद सूतक हो जाएं, तो कोई दोष नहीं होता, लेकिन अगर पहले हो जाएं, तो पूजा आदि न करें। 
ALSO READ: शारदीय नवरात्रि 2020 : जानिए राशिनुसार किस शुभ ग्रंथ से घर में आएगी समृद्धि

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Shardiya Navratri Kalash Sthapana Muhurat : शारदीय नवरात्रि घटस्थापना शुभ मुहूर्त