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नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी को ये ना खाएं

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अनिरुद्ध जोशी

सांकेतिक चित्र
तिथियों का ज्ञान हमें ज्योतिष शास्त्र और पुराणों में मिलता है। किस तिथि में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं इस संबंध में आयुर्वेद में भी उल्लेख मिलता है। नवरात्रि में व्रत रखा है तो कई घरों में सप्तमी, अष्टमी या नवमी को व्रत का समापन करते हैं। समापन के दौरान कई तरह के व्यंजन बनाते हैं। व्यंजन बनाते वक्त निम्नलिखित भोजन का ग्रहण करने से बचें। वैसे यह नियम सभी सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर लागू होते हैं।

 
1. सप्तमी : सप्तमी के दिन ताड़ का फल खाना निषेध है। इसको इस दिन खाने से रोग होता है।
 
2. अष्टमी : अष्टमी के दिन नारियल खाना निषेध है, क्योंकि इसके खाने से बुद्धि का नाश होता है। इसके आवला तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना निषेध है।
 
3. नवमी : नवमी के दिन लौकी खाना निषेध है, क्योंकि इस दिन लौकी का सेवन गौ-मांस के समान माना गया है।
 
इस दिन कड़ी, पूरणपौल, खीर, पूरी, साग, भजिये, हलवा, कद्दू या आलू की सब्जी बनाई जा सकती है। नवमी के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करके विधिवत समापन करें और कन्याओं को भोज कराएं।
 
तीनों तिथियों को माता को अर्पित करें ये भोग
 
1.खीर
2.मालपुए
3.मीठा हलुआ
4.पूरणपोळी
5.केले
6.नारियल
7.मिष्ठान्न
8.घेवर
9.घी और शहद
10.तिल और गुड़

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