Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(प्रतिपदा तिथि)
  • तिथि- मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00
  • व्रत/मुहूर्त- कार्तिक व्रत पारणा, सूर्य वृश्चिक संक्रांति
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

आठवीं देवी : ​अमोघ फलदायिनी हैं मां महागौरी

हमें फॉलो करें आठवीं देवी : ​अमोघ फलदायिनी हैं मां महागौरी
* महागौरी : मां दुर्गा की आठवीं शक्ति की पावन कथा
 

 

श्वेते वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः। 
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोदया॥
 
नवरात्रि में आठवें दिन महागौरी शक्ति की पूजा की जाती है। नाम से प्रकट है कि इनका रूप पूर्णतः गौर वर्ण है। इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। 
 
अष्टवर्षा भवेद् गौरी यानी इनकी आयु आठ साल की मानी गई है। इनके सभी आभूषण और वस्त्र सफेद हैं। इसीलिए उन्हें श्वेताम्बरधरा कहा गया है। 4 भुजाएं हैं और वाहन वृषभ है इसीलिए वृषारूढ़ा भी कहा गया है इनको। 
 
इनके ऊपर वाला दाहिना हाथ अभय मुद्रा है तथा नीचे वाला हाथ त्रिशूल धारण किया हुआ है। ऊपर वाले बाँये हाथ में डमरू धारण कर रखा है और नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा है। 
 
इनकी पूरी मुद्रा बहुत शांत है। पति रूप में शिव को प्राप्त करने के लिए महागौरी ने कठोर तपस्या की थी। इसी वजह से इनका शरीर काला पड़ गया लेकिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने इनके शरीर को गंगा के पवित्र जल से धोकर कांतिमय बना दिया। उनका रूप गौर वर्ण का हो गया। इसीलिए ये महागौरी कहलाईं। 
 
ये अमोघ फलदायिनी हैं और इनकी पूजा से भक्तों के तमाम कल्मष धुल जाते हैं। पूर्वसंचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं। महागौरी का पूजन-अर्चन, उपासना-आराधना कल्याणकारी है। इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियां भी प्राप्त होती हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

4 अक्टूबर 2016 : क्या कहती है आपकी राशि