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आज के शुभ मुहूर्त

(गुप्त नवरात्रि प्रारंभ)
  • तिथि- आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
  • जयंती/त्योहार/व्रत/मुहूर्त-गुप्त नवरात्रि प्रारंभ, अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दि
  • राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक
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गुप्त नवरात्रि में कौन से मंत्र पढ़ने चाहिए?

गुप्त नवरात्रि के लिए शक्तिशाली मंत्र

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WD Feature Desk

, गुरुवार, 26 जून 2025 (12:02 IST)
Gupt Navratri Devi Mantras: 26 जून को आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। इस पर्व में घटस्थापना के साथ ही देवी दुर्गा के 10 महाविद्याओं की आराधना की जाएगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार गुप्त नवरात्रि के दिनों में 10 महाविद्याओं में मां काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की साधना की जाती है। ALSO READ: आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि प्रारंभ, जानिए कलश स्थापना का मुहूर्त
 
इस खास अवसर पर दुर्गा सप्तशती में वर्णित इन बेहद शक्तिशाली मंत्रों का जाप करने से मनुष्य की समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इन मंत्र जाप से देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होकर धन, सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इन दिनों देवी कवच, दुर्गा चालीसा, कीलक स्तोत्र, अर्गला स्तोत्र, दुर्गा सप्तशती आदि का पाठ करने से जीवन के सभी कष्ट दूर देवी माता आप पर अपनी कृपा बरसाती है।ALSO READ: 26 जून से प्रारंभ होगी गुप्त नवरात्रि, जानें घट स्थापना के मुहूर्त, कैसे करें देवी आराधना और लग्नानुसार फल

आइए यहां जानते हैं गुप्त नवरात्रि के पावन पर्व पर जपने योग्य मनोकामनापूर्ति तथा चमत्कारिक मंत्र...
 
पढ़ें गुप्त नवरात्रि के खास मंत्र: 
 
- ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं:
 
- ॐ जयंती मंगला #काली_भद्रकाली कपालिनी 
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते:।
 
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
 
ये मंत्र करेंगे 10 महाविद्याओं को प्रसन्न...
 
- ॐ क्रीं कालिकायै नम:।
 
- ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं हूं फट्।
 
- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुरायै नम:।
 
- ॐ ह्रीं भुवनेश्वर्यै नम:।
 
- श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीये हूं हूं फट् स्वाहा।
 
- ॐ ह्रीं भैरवी कलौं ह्रीं स्वाहा।
 
-  धूं धूं धूमावती ठ: ठ:।
 
- ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिव्हा कीलय, बुद्धिं विनाश्य ह्रीं ॐ स्वाहा।
 
-  ॐ ह्रीं ऐं भगवती मतंगेश्वरी फट् स्वाहा।
 
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं कमलायै नम:।
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: Kanwar Yatra 2025 : कावड़ यात्रा में जा रहे हैं तो जान लीजिए 10 प्रमुख नियम

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