नई दिल्ली/थिंपू। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी रविवार को पहली विदेश यात्रा पर भूटान पहुंच गए हैं जहां वह इस पड़ोसी देश के साथ ज्यादा प्रभावी सहयोगात्मक संबंध बनाने पर जोर देंगे।पारो हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने उनकी अगवानी की और उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उनके साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश सचिव सुजाता सिंह भी भूटान गए हैं।मोदी अपनी दो दिनों की यात्रा के दौरान भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक और प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मिलेंगे। इस दौरान दोनों पक्ष संबंधों को बढ़ावा देने की संभावना तलाशेंगे, विशेष तौर पर व्यापार और पनबिजली क्षेत्र में।मोदी भूटान की संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे। वह भारत की मदद से चलाई जा रही परियोजना के तहत भूटान के उच्चतम न्यायालय की इमारत का भी उद्घाटन करेंगे।
भूटान यात्रा से पहले क्या बोले मोदी...
अपनी यात्रा की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उनकी पहली विदेश यात्रा के लिए भूटान 'अद्वितीय और अद्भुत संबंधों' की वजह से एक स्वाभाविक पसंद है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी यात्रा विकास सहयोग को और भी अधिक प्रभावी बनाने पर केंद्रित होगी। यात्रा पर रवाना होने से पूर्व मोदी ने अपने बयान में कहा कि भूटान के साथ संबंध उनकी सरकार की महत्वपूर्ण विदेश नीति की प्राथमिकता होंगे।
मोदी ने कहा, ‘मैं भूटान की अपनी पहली यात्रा एवं भूटान के साथ भारत के विशेष संबंधों को और भी अधिक गहरा तथा मजबूत बनाए जाने को लेकर उत्सुक हूं।’ प्रधानमंत्री आज से दो दिन की भूटान यात्रा पर जा रहे हैं। उनका यह दौरा भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक और भूटानी प्रधानमंत्री त्शेरिंग तोबगे के आमंत्रण पर हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘मैं पहले से ही मजबूत संबंधों को और मजबूत करने के लिए अत्यंत खुशी एवं दृढ़ इच्छा के साथ भूटान जा रहा हूं।’ मोदी ने बताया कि उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा के रूप में भूटान को क्यों चुना।
उन्होंने कहा, ‘समान हितों और साझा समृद्धि से बंधे भारत और भूटान के बीच अद्वितीय और खास संबंध हैं जो भूगोल, इतिहास और संस्कृति के रिश्तों से बने हैं। इसलिए प्रधानमंत्री के रूप में मेरी पहली विदेश यात्रा के गंतव्य के रूप में भूटान एक स्वाभाविक पसंद है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी यात्रा के दौरान उन्हें द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलू पर भूटान नरेश तथा भूटानी प्रधानमंत्री के साथ विस्तृत चर्चा करने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘हमारे विकास सहयोग कार्यक्रम की भूटानी नेतृत्व के साथ मैं समीक्षा करूंगा, ताकि इसे भूटान के लोगों की बदलती आकांक्षाओं के परिप्रेक्ष्य में और अधिक प्रभावी तथा जवाबदेह बनाया जा सके।’ (भाषा)