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आईवीएफ ट्रीटमेंट का करिश्मा

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डैबी और कॉलिन मॉरगन ने यह उम्मीद छोड़ दी थी कि उन्हें कभी बच्चे का सुख मिल पाएगा। लेकिन 'आईवीएफ ट्रीटमेंट' के जरिए एक ऐसा करिश्मा सामने आया, जिसकी इन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। पिछले 11 सालों से डैबी के फ्रीज किए हुए एम्ब्रॉय (भ्रूण) से उन्हें शानी के रूप में बच्चे का सुख प्राप्त हुआ।

बर्मिंघम के रहने वाले डैबी (39) और कॉलिन (44) को पूरे 11 सालों बाद उस सुख की प्राप्ति हुई, जिसकी उन्होंने उम्मीद छोड़ दी थी। 1995 में डैबी पहली बार गर्भवती हुईं लेकिन वह सफल नहीं रहा। इसके बाद वह कई बार गर्भवती हुईं लेकिन हर बार उनकी झोली खाली ही रह जाती।

हार कर उन्होंने मिडलैंड के क्लिनिक में एम्ब्रॉय को फ्रोजन के लिए दे दिया। और पूरे 11 साल बाद इसी फ्रोजन एम्ब्रॉय की मदद से डैबी को शानी के रूप में एक खूबसूरत बेटी पैदा हुई। ऐसा माना जाता है कि शानी विश्व की अब तक की सबसे पुरानी फ्रोजन बेबी है।

डैबी बताती हैं कि जब शानी का जन्म हुआ और मैंने उसे अपने हाथों में उठाया तो मुझे विश्वास नहीं हुआ कि वह मेरी बेटी है। क्योंकि हर तरह से यह उम्मीद खत्म हो चुकी थी कि मैं कभी माँ बन सकती हूँ। डॉक्टर्स ने भी यह साफ कह दिया था कि मेरे माँ बनने के आसार बहुत ही कम हैं।

जब मैं 17 साल की थी मेरी मुलाकात कॉलिन से हुई थी। कुछ समय बाद हमें यह लगने लगा था कि हमें अपना परिवार बढ़ाना चाहिए। मेरी हमेशा से ख्वाहिश थी कि मेरा बच्चा हो और यही हाल कॉलिन का भी था लेकिन 19 साल की उम्र में जाँच के दौरान पता चला मेरे दोनों फॉलोपियन ट्यूब ब्लॉक हैं।

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