हृदयरोग से जुड़े उपचार और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के लिए रेफर किए जाने के बदले एक स्थानीय अस्पताल के साथ मिलकर धोखाधड़ी से भरे प्रबंधन समझौते करने के आरोपी भारतीय मूल के 2 अमेरिकी हृदयरोग विशेषज्ञों को 3.8 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना भरना होगा।
हृदयरोग के उपचार संबंधी सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले चिकित्सकों के समूह केंचुकी के संयुक्त मालिकाना हक वाले सत्यब्रत चटर्जी और अश्विनी आनंद गलत प्रबंधन समझौतों के जरिए ‘फाल्स क्लेम्स एक्ट’ कानून का उल्लंघन करने के चलते जुर्माना राशि का भुगतान करने के लिए तैयार हो गए हैं। ये समझौते सेंट जोसेफ अस्पताल के साथ किए गए थे।
सरकार ने आरोप लगाया था कि अस्पताल ने चटर्जी और आनंद के साथ जालसाजी वाले समझौते किए और इसके तहत चिकित्सकों को प्रबंधन सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए धन दिया जाता था, लेकिन असल में चिकित्सा सेवाएं प्रदान ही नहीं की जाती थीं।
सरकार ने आगे आरोप लगाया कि इन बनावटी समझौतों के बदले चटर्जी और आनंद सेंट जोसेफ के साथ एक खास समझौता करने को तैयार हो गए जिसके तहत वे अपने मरीजों को हृदयरोग के उपचार एवं अन्य सेवाओं के लिए अस्पताल रेफर कर देते थे। यह संघीय नियमों का उल्लंघन है।
सिविल डिवीजन के लिए कार्यकारी सहायक अटॉर्नी जनरल जोएस ब्रांडा ने कहा कि जिन चिकित्सकों ने अपने आर्थिक हितों को मरीजों के स्वास्थ्य से ऊपर रखा, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
इस राशि के भुगतान के साथ-साथ चटर्जी और आनंद स्वास्थ्य एवं मानवीय सेवा मंत्रालय के महानिरीक्षक कार्यालय के साथ एक समझौते के लिए भी सहमत हो गए हैं जिसके तहत उन्हें कुछ जरूरी आंतरिक सुधार करने होंगे और अगले 3 सालों तक संघीय स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रमों के अपने दावों की किसी तीसरे पक्ष से समीक्षा करवानी होगी। (भाषा)