कनाड़ा की एक अदालत ने एक अस्पताल को भारतीय मूल के एक कनाड़ाई नागरिक को क्षतिपूर्ति के रूप में पाँच लाख डॉलर देने का आदेश दिया है। अस्पताल व्यक्ति की बीमारी की पहचान नहीं कर सका, जिसके चलते उसे लकवा मार गया।
ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट ने एक अस्पताल को आदेश दिए हैं कि वे शॉन काहलोन को चिकित्सीय उपेक्षा के कारण 5,96,408 कनाड़ाई डालर का भुगतान करें। इसके अलावा वैंकूवर कोस्टल हेल्थ अथॉरिटी और वैंकूवर अस्पताल एंड हेल्थ साइंसेज सेंटर को कहा गया है कि वे काहलोन को 17 वर्ष तक पुनर्वास और उपचार के लिए प्रति वर्ष 2,42,500 डालर का भुगतान करें।
काहलोन को 1999 में पीठ के दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद उसके पारिवारिक डॉक्टर ने उसे एक रेडियोलॉजिस्ट के पास भेजा। पहले सीटी स्कैन में कुछ असामान्यता प्रदर्शित होने के बाद रेडियोलॉजिस्ट ने उसे दोबारा आने को कहा, लेकिन काहलोन लौट कर नहीं आया। रेडियोलॉजिस्ट के कार्यालय ने सीटी स्कैन फाइल गुम हो जाने के कारण न तो काहलोन से दोबारा संपर्क किया और न ही उसकी स्थिति के बारे में उसके डॉक्टर को बताया।
जस्टिस जेएस सिगर्डस्न ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि बीमारी की पहचान देर से हुई और इसके कारण टीबी मैनेंनजाइटिस बिगड़ गया और परिणामस्वरूप काहलोन अब पूरी तरह से अक्षम हो चुका है और उसे सतत निगरानी की जरूरत है।