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जाक़ प्रीवर्टअत्यंत लोकप्रिय कवि। काव्य के अतिरिक्त अतियथार्थवादी चित्रों का निर्माता।
मैं चिड़ियों की दुकान पर गया
और चिड़ियाँ खरीदी
तुम्हारे लिए रानी!
मैं फूलों की दुकान पर गया
और फूल खरीदे
तुम्हारे लिए रानी!
मैं लोहार की दुकान पर गया
और जंजीरें खऱीदे
तुम्हारे लिए रानी!
मैं उस बाज़ार में गया
जहाँ गुलाम बिकते हैं
और तुम्हें खोजने लगा
पर तुम तो वहाँ मिली ही नहीं
रानी!
अनुवाद : डॉ. धर्मवीर भारती
साभार - गर्भनाल