‘फूँक’ एक छोटे बजट की फिल्म है। इसमें न बड़े कलाकार हैं, न नाच-गाने हैं, न हास्य और सेक्स है। इस वजह से यह फिल्म केवल भारत में ही प्रदर्शित हुई। भारत में भी इस फिल्म के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार हुआ और मल्टीप्लेक्स में इस फिल्म को कम शो दिए गए। ‘फूँक’ के साथ प्रदर्शित हुई ‘मान गए मुगल-ए-आजम’ और ‘मुंबई मेरी जान’ के प्रति प्रदर्शकों और वितरकों ने ज्यादा विश्वास दिखाया। ‘फूँक’ ने शानदार शुरुआत कर सभी को चौंका दिया। दर्शकों ने मल्लिका जैसी खूबसूरत नायिका की बजाय काले कौए की फिल्म को देखना ज्यादा पसंद किया।
फिल्म की लोकप्रियता को देखते हुए इसके निर्माता ने फिल्म को अब अंतरराष्ट्रीय मार्केट यानी कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूके जैसे देशों में प्रदर्शित करने की योजना बनाई है। यही नहीं इस फिल्म की अँग्रेजी में डबिंग भी शुरु हो गई है। साथ ही स्पेनिश, जर्मन और फ्रेंच भाषाओं में भी डब कर प्रदर्शित करने की योजना है।
फिल्म के निर्माता का मानना है कि विदेशी दर्शकों को उनकी भाषाओं में फिल्म ज्यादा प्रभावित करेगी। साथ ही काला जादू का विषय उनके लिए नया और अनोखा होगा। तीन करोड़ की लागत में बनी यह फिल्म अपनी लागत से कई गुना वसूल करेगी ऐसा लोगों का मानना है।