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खूब लुभाती मुंबई

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- देवमणि पांडे

4 जून 1958 सुलतानपुर (उ.प्र.) मेजन्महिन्दसंस्कृमेप्रथश्रेणम.ए.। लोकप्रिकवि मंसंचालककाव्संग्रह 'दिबातें' र 'खुशबलकीरें' प्रकाशितफ़िल्म 'पिंजर', 'हासिल' र 'कहातुम' अलावसीरियलोमेगीलिखहैंआपकद्वारसंपादिसांस्कृतिनिर्देशिका 'संस्कृति संगम' मुम्बरचनाकारोएकजुकरनमेअहभूमिकनिभाहैसंप्रति- केंद्रीसरकारकार्यालमेसेवारत

GN
शहर हमारा जो भी देखे उस पर छाए जादू
हरा समंदर कर देता है हर दिल को बेकाबू
ताजमहल में ताजा काफ़ी जो भी पीने आए
चर्चगेट की चकाचौंध में वो आशिक़ बन जाए

चौपाटी की चाट चटपटी मन में प्यार जगाती है
भेलपुरी खाते ही दिल की हर खिड़की खुल जाती है
कमला नेहरू पार्क पहुँचकर खो जाता जो फूलों में
प्यार के नग़मे वो गाता है एस्सेल वर्ल्ड के झूलों में

जुहू बीच पर सुबह-शाम जो पानी-पूरी खाए
वही इश्क़ की बाजी जीते दुल्हन घर ले आए
नई नवेली दुल्हन जैसी हर पल लगती नई
सबको ऊँचे ख्वाब दिखाकर खूब लुभाती मुंबई।

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