नयनों का तारा है टाटा की नैनो
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सुषमा श्रीवास्तव
हाथरस (उप्र) में जन्म। दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, आगरा से संस्कृत में एमए, एमएड। नई दिल्ली, बगदाद, सिंगापुर में अध्यापन कार्य। विद्यालय पत्रिका 'साधना' का संपादन, लघु नाटकों, नृत्य नाटिकाओं का लेखन व मंचन। हिन्दी चेतना, अनुभूति, साहित्य कुंज आदि पत्रिकाओं में लेख और कविताएँ प्रकाशित। वर्तमान में अमेरिका में निवास।टाटा ने दिया उपहारनैनो के रूप मेंमचाई खलबलीऑटोमोबाइल उद्योग में जनता की कार हैजनता के लिए बनाई हैनयनों का तारा है टाटा की नैनोपहुँचे लेकर स्वयं रतनजीपरिचय दिया आत्मीयता काकिया है वादा अक्टूबर तक जनता तक पहुँचाने का
आने में वक्त है काफी
क्यों न करें स्वागत की तैयारी
फैलाएँ जागरूकता ऐसी
बनाकर स्लोगन, कार्टून, विज्ञापन
अच्छे चालक के गुण सीखें
चार से ज्यादा लोग न बैठें
सुख से गंतव्य तक पहुँचें
समय से वाहन की जाँच कराएँ
पूल सिस्टम को उपयोग में लाएँ
टाटा अपना वचन निभाएँ
जनता भी सहयोग बढ़ाए
उपहार का सम्मान बढ़ाए
नैनो की शान में
चार चाँद लगाएँ।