Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

परदेस में

Advertiesment
हमें फॉलो करें परदेस में
GN
- तसलीम अहमद

26 अगस्त 1976 को जन्म। मास कम्यूनिकेशन में एमए व हिंदी पत्रकारिता में डिप्लोमा। संप्रति वरिष्ठ उपसंपादक, दैनिक जागरण, दिल्ल

अब्बू के सपनों की लहलहाई फसल परदेस में,
घर से दूर घर की एक छत बनाई परदेस में

webdunia
GN
पैसा भी है, मस्ती भी है, काम से कम अघो‍षित शर्त,
भरी महफिल में खूब सताए तन्हाई परदेस में।

कब भेजोगे मनीऑर्डर, पूछ रही कमरे की छत,
रिश्ते की एक डोर बची, वो टूट रही परदेस में।

पक्षी से पंखों की ख्वाहिश, नींद भी रास्ता भूल गई,
कोई खबर अपनी तरफ से जब आई परदेस में।

जिंदगी के साथ दौड़ में क्या-क्या पीछे छूट गया,
बाप की आहें, माँ की ममता हार गई परदेस में।

सूनी पड़ी है खेत-क्यारी, बुला रहा आँगन का नीम,
रोना-हँसना भूल गया, घर की याद आई परदेस में।

- गर्भनाल से साभार

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi