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विजय कुमार संपत्ति
मेरे देशवासियों
जब कभी आप खुलकर हँसोगे
तो मेरे परिवार को याद कर लना
जो अब कभी नहीं हँसेंगे
जब आप शाम को
अपने घर लौटें और अपनों को
इंतजार करते हुए देखें
तब मेरे परिवार को याद कर लेना
जो अब कभी भी
मेरा इंतजार नहीं करेंगे
जब आप अपनों साथ खाना खाएँ
तो मेरे परिवार की याद कर लेना
जो अब कभी भी
मेरे साथ खा नहीं पाएँगे
जब आप अपने बच्चों के साथ खेलें
तो मेरे परिवार को याद कर लेना
मेर बच्चों को अब कभी भी
मेरी गोद नहीं मिल पाएगी
जब आप सकून से सोएँ
तो मेरे परिवार को याद कर लेना
वो अब भी मेरे लिए जागते हैं
मेरे देशवासियों
शहीद हूँ मैं
मुझे भी कभी याद कर लेना
आपका परिवार आज जिंदा है
क्योंकि
नहीं हूँ आज मैं
शहीद हूँ मैं।
साभार- गर्भनाल