1)
चांद सजाऊं
या आकाश बिछाऊं
न पाती तुम्हें
2)
तुम हो आत्मा
तुम्हीं हो धड़कन
फिर भी कहां?
3)
नीला आकाश-
उसके विस्तार में
डूबती-सी मैं
4)
क्या याद तुम्हें
आसमान का रंग
नीलिमा-सी मैं
5)
स्याही का रंग
उकेरती पन्नों पे
सोचती तुम्हें
6)
स्पर्श तुम्हारा
स्पंदन बन जीता
आत्मा में मेरी
7)
रंग-विहीन
जो जीवन हो मेरा
रंग तुम्हीं तो
8)
तेरा न होना
या तेरा क्यूं न होना
प्रश्न ये मेरा
9)
नए-पुराने
शब्द-ग्रंथ तुम्हीं हो
फिर भी कहां।