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कामसूत्र अब थ्री डी वर्शन में

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, शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013 (17:28 IST)
दो हजार वर्ष पुराने संस्कृत में सेक्स मैनुअल कामसूत्र को अत्यधिक तकनीक के सहारे थ्री डी वर्शन में रूपांतरित कर दिया गया है। कामसूत्र को आधुनिक तकनीक की मदद से और आकर्षक बनाने की कोशिश की गई है। इसे कम्प्यूटर एप्लीकेशंस 3 डी अवतार में बना लिया गया है और इसके चित्र पॉप अप होलोग्राम (अचानक नजर आने वाले होलोग्राम) में नजर आते हैं।

इन होलोग्राम्‍स को आप अपने स्मार्टफोन या टैबलेट पर देख सकते हैं। इन तस्वीरों को सभी कोणों से देखा जा सकता है। इस तरह यूजर्स को गाइड के सेक्सुअल चित्रों को सम्पूर्ण दृश्य में देखा जा सकता है। यह फ्री एप्लीकेशंस टेक्सट के नए संस्करण के साथ पेश किया गया है। उल्लेखनीय है कि कामसूत्र की रचना करीब दो हजार वर्ष पहले की गई थी।

इसे बनाने वाली कंपनी एक्साइट बुक्स की प्रबंध निदेशक हेजल कुशिन का कहना है कि इसकी मदद से दंपति किताब में दर्शाए गए आसनों को आसानी से समझ सकते हैं। वे इसकी मदद से अधिक परिपूर्णता का अनुभव कर सकेंगे। इस पुस्तक का उद्देश्य लोगों को संतोषप्रद सेक्स जीवन जीने में मदद करना है। सलाह और मार्गदर्शन के लिए लोगों ने इसे हजारों वर्षों से इस्तेमाल किया है, पर अब वे इससे कठिन आसनों जैसे प्रोन टाइगर, कैथरीन व्हील और द पेग को देखकर प्रयोग में भी ला सकते हैं।

इस एप्लीकेशंन्स में 69 पोज हैं और इनको लेकर यूजर्स को आजादी होगी कि वे मॉडलों के रूप रंग को बदल सकते हैं, बालों को बदला जा सकता है, स्‍कीन कलर को भी बदला जा सकता है। इसके साथ ही इसमें एक साउंडट्रेक भी जोड़ा जा सकता है। कामसूत्र लोगों की कामुकता पर पहली संस्कृत पुस्तक है। इसे 1883 में सबसे पहले अंग्रेजी में अनुदित किया गया था और इसमें ब्रिटिश अन्वेषक रिचर्ड बर्टन की अहम भूमिका थी।

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