Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

भारतीय को कर्छियों से घायल किया

हजम नहीं हुई भाई-चारे की बात

Advertiesment
हमें फॉलो करें एनआरआई
- सुनंदा रा
यहाँ एक तरफ भारत की जनता ने धर्मनिरपेक्ष सरकार चुनकर साबित कर दिया है कि सांप्रदायिकता और धर्म उसके लिए बहुत मायने नहीं रखते हैं, वहीं परदेस में रह रहे कुछ भारतीयों ने सांप्रदायिक भावनाओं से चिपके रहने में ही अपना बड़प्पन समझा है और इसके लिए हिंसक हो उठे हैं।

जर्मनी के मेकलेनबुर्ग पोमरेनिया प्राँत के कीज शहर में करीब दस भारतीय लोगों ने एक अन्य भारतीय को कर्छियों से इसलिए घायल कर दिया क्योंकि वह सिख नहीं, ईसाई था । 30 वर्षीय जॉन, काम की तलाश में वहाँ गया था और उसकी पहचान गुरुद्वारे के ग्रंथी के साथ थी।

ग्रंथी ने जॉन को गुरुद्वारे में शरण दी। हालाँकि गुरुद्वारे जाने वाले कुछ अन्य सिखों को धार्मिक सहिष्णुता और भाईचारे की यह बात हजम नहीं हो रही थी। उन्हें गुरुद्वारे में एक ईसाई का रहना पसंद नहीं आ रहा था।

ऐसे में करीब दस लोगों ने मिलकर जॉन को मारा और उसे गुरुद्वारे से खदेड़ दिया। जॉन के सिर पर गहरी चोटें आई हैं और वह अस्पताल में है। जॉन को मारने वालों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं किया जा सका है। जॉन पर आरोप लगाया गया है कि वह गुरुद्वारे में बैठकर ग्रंथी की बुराई कर रहा था।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi