वाशिंगटन। एक संघीय अदालत ने न्यू हैम्पशायर में रहने वाले भारतीय मूल के एक अमेरिकी कारोबारी को गलत एच-1बी वीजा आवेदन करने के लिए 40,000 डॉलर का जुर्माना लगाया है। साथ ही, उनको तीन साल तक निगरानी में रहने की सजा सुनाई गई है। एक अमेरिकी अटार्नी ने यह जानकारी दी।
अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक भारतीय-अमेरिकी कारोबारी रोहित सक्सेना ने संयुक्त राज्य अमेरिका की नागरिकता और प्रवासी सेवाओं को झूठी जानकारी देने का जुर्म स्वीकार किया था। बयालीस साल के सक्सेना न्यू हैम्पशायर के मैन्चेस्टर स्थित एक कंपनी ‘आस्कआईटी ग्रुप एलएलसी’ के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं और उन्होंने कथित तौर पर धोखाधड़ी करके 45 वीजा के आवेदन किए थे और दावा किया था कि उसकी कंपनी कैलिफोर्निया स्थित कंपनी में व्यावसायिक सेवाओं के लिए विदेशी कर्मचारियों की भर्ती कर रही है।
हालांकि कैलिफोर्निया की कंपनी ने आस्क आईटी ग्रुप एलएलसी से कोई समझौता नहीं किया था और उसके यहां विदेशी कर्मचारियों के कोई पद रिक्त नहीं थे। अमेरिकी अटार्नी जॉन जे फेर्ले ने गुरुवार को कहा कि सक्सेना इस बात को जानता था कि विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की जाएगी।
अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि सक्सेना ने कैलिफोर्निया की कंपनी के लिए विदेशी श्रमिकों की नौकरियों का झूठा दावा किया और उनके लिए गलत तरीके से वीजा का आवेदन किया।