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एनआरआई शादी के लिए आधार अनिवार्य की सिफारिश

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नई दिल्ली। एक अंतरमंत्रालयीन समिति ने विदेश मंत्रालय से अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की शादी के पंजीयन के लिए आधार को अनिवार्य बनाने की सिफारिश की है। विवाह से जुड़ी कई समस्याओं से निपटने के उद्देश्य के तहत समिति ने यह अनुशंसा की है।
 
भारतीय पासपोर्टधारकों को लेकर विशेष समिति की अनुशंसा का लक्ष्य ऐसी महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना है जिनको उनके एनआरआई पति छोड़ देते हैं, साथ ही इसका ध्येय ऐसी महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना है जिनको दूसरे देशों में घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।
 
पिछले महीने की 30 तारीख को विदेश मंत्रालय को सौंपी गई इस रिपोर्ट की सामग्री के बारे में जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि (भारत में) एनआरआई की शादी के पंजीयन के लिए आधार को अनिवार्य बनाए जाने का प्रस्ताव है।
 
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण एनआरआई लोगों, दूसरे देशों में रह रहे भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों के आधार पंजीयन को लेकर नीति पर काम कर रहा है। वर्तमान में भारतीय नागरिकों समेत सभी निवासी और वैध वीजा वाले विदेशी व्यक्ति आधार नंबर के लिए पंजीयन करा सकते हैं। 
 
 
समिति ने कई देशों के साथ अपनी प्रत्यर्पण संधि में संशोधन कर घरेलू हिंसा को किसी आरोपी की हिरासत मांगने का आधार बनाए जाने की भी सिफारिश की है। महिला और बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) के एक अधिकारी ने बताया कि एनआरआई से हुई शादियों में आमतौर पर अपराधी का पता लगाना मुश्किल काम होता है। 
 
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी दिक्कत नोटिस देने में आती है, क्योंकि आपके पास पता नहीं होता। सूत्र ने कहा कि यह रिपोर्ट केवल एनआरआई तक सीमित है। इसमें विदेश में रह रहे भारतीय मूल के लोगों के अलावा किसी और को शामिल करने की अनुशंसा नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि सिर्फ भारतीय पासपोर्टधारकों के लिए इसे अनिवार्य बनाए जाने की सिफारिश की गई है।
 
 
 

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