सिंगापुर। सिंगापुर में भारतीय मूल के मलेशियाई व्यक्ति को नशीली दवाओं की तस्करी करने के मामले में 24 कोड़े मारने के साथ उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 'द स्ट्रेट्स टाइम्स' की खबर के मुताबिक 30 वर्षीय सरवानन चन्द्रम को नियंत्रित दवाओं का आयात करने का दोषी पाया गया। उसे अधिकतम 24 कोड़े मारने की सजा भी सुनाई गई।
अभियोजन पक्ष ने अदालत में कहा कि सरवानन केवल दवाएं पहुंचाने का काम करता था और उसने दवाओं की तस्करी का पता लगाने में अधिकारियों की मदद की। इसके कारण जज ने इसके लिए अनिवार्य मौत की सजा के बजाय उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। सरवानन को नियंत्रित दवाओं के दस बंडलों के साथ पकड़ा गया।
5 नवंबर 2014 को उसने एक कार किराए पर ली और दक्षिणी मलेशिया के जोहोर प्रांत में आया नाम के दवा गिरोह के मुखिया से मिला, जहां उसने दवाओं के 10 बंडल एकत्रित किए। आया के बॉडीगार्ड और निजी चालक के तौर पर काम करने वाले सरवानन ने अपनी कार में इन बंडलों को छिपा रखा था।
बचाव पक्ष के वकील सिंगा रेतनाम ने गत महीने अदालत में अपनी अंतिम दलीलों में कहा कि सरवानन ने आया से 1,270 सिंगापुर डॉलर लिए थे, क्योंकि उसके पास अपने बेटे के ऑपरेशन के लिए पैसे नहीं थे।
अखबार ने बताया कि सरवानन 5 नवंबर 2014 को जोहोर लौटा और उसके मालिक ने उससे पैसे लौटाने के लिए कहा लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका। इसके बदले में वह तंबाकू के 10 पैकेट पहुंचाने पर राजी हो गया।
बचाव पक्ष ने कहा कि सरवानन को लगा था कि वह तंबाकू के 10 पैकेट पहुंचा रहा है। उसे नहीं पता था कि इसमें नशीली दवाएं हैं। बहरहाल, अभियोजन ने कहा कि सरवानन की बात निराधार है। (भाषा)